●डॉ. मनोज कुमार की पुस्तक “भारतीय राजनीति में चुनाव के बदलते आयाम” का कुलपति ने किया विमोचन।
●हर शिक्षकों को चाहिये कि वो तथ्यपरक व गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें लिखें:- बोले, कुलपति
●डॉ. मनोज द्वारा लिखित पुस्तक चुनाव सुधार के दिशा में साबित होगा क्रांतिकारी व छात्रोपयोगी:- सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष, डॉ. प्रभाष चंद्र मिश्रा।
●डॉ. मनोज कुमार द्वारा लिखित पुस्तक, मिथिला विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों को भी पुस्तक लेखन के लिये करेगा प्रेरित:- मानविकी संकायाध्यक्ष, प्रो. अशोक कुमार बच्चन।
●राजनीति विज्ञान के छात्रों सहित राजनीति से जुड़ाव, लगाव व दिलचस्पी रखने वाले नीति-निर्माताओं व लोगों को भी पढ़ना चाहिये यह पुस्तक:- उप-परीक्षा नियंत्रक, डॉ. मनोज कुमार।
#MNN@24X7 लनामिवि दरभंगा, आज दिनांक 9 नवंबर 2023 को मिथिला विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने अपने कार्यालय कक्ष में उप-परीक्षा नियंत्रक (तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा) सह राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. मनोज कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “भारतीय राजनीति में चुनाव के बदलते आयाम” का विमोचन किया।
किताब के विमोचनोपरांत माननीय कुलपति महोदय प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सबसे पहले डॉ. मनोज कुमार को मैं इस पुस्तक लेखन हेतु बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ। आगे उन्होंने कहा कि हर शिक्षकों को चाहिये कि वो तथ्यपरक व गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें लिखें। आज इंटरनेट पर पुस्तकों की भरमार है। जैसे बजरंगबली को हजारों जलते दीयों के बीच संजीवनी बूटी को खोजना मुश्किल हो गया था। ठीक वही हाल आज हजारों प्रकाशनों व लेखकों का है। इंटरनेट से लेकर मार्केट में पुस्तकों की बाढ़ सी आयी हुई है। छात्रों को तय करना मुश्किल हो जाता है कि कौन सी पुस्तकें खरीदें? बावजूद आज भी गुणवत्तापूर्ण-तथ्यपरक पुस्तकों की मांग होती है। संघ लोक सेवा आयोग से लेकर विभिन्न राज्यों के लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के लिये कांसेप्ट की काफी जरूरत होती है। इस कड़ी में डॉ. मनोज कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “भारतीय राजनीति मे चुनाव के बदलते आयाम” छात्रोपयोगी व समाजोपयोगी साबित होगा। इस पुस्तक को छात्रों, शोधार्थियों व राजनेताओं को भी पढ़ना चाहिये।
सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाष चंद्र मिश्रा ने कहा कि अच्छे पुस्तकों की मांग हर युगों में होती रही है और आगे भी होती रहेगी। शिक्षकों का रोल समाज निर्माण में अहम होता है। आप जैसी पुस्तकें लिखेंगे। छात्रों के बीच वैसा कंटेट डेलिवर्ड होगा। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एक ही लेखक का पुस्तक वर्षों से चलन में आता रहा है। जबकि बदलते समय के साथ कंटेट में भी बदलाव की जरूरत होती है। इसीलिए शिक्षकों को समय दर समय लिखते रहना चाहिये किताब। इस कड़ी में डॉ. मनोज द्वारा लिखित पुस्तक “भारतीय राजनीति में चुनाव के बदलते आयाम” चुनाव सुधार के दिशा में एक क्रांतिकारी पुस्तक साबित होगा। मैं डॉ. मनोज को बधाई व आगे छात्र-छात्रा, शोधार्थी व समाजोपयोगी और भी पुस्तकें लिखने के लिये प्रेरित करता हूँ व शुभकामनाएं देता हूँ।
मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार बच्चन ने कहा कि पुस्तक लेखन से छात्रा, छात्रा, शोधार्थी व समाज तो लाभान्वित होता ही है। इससे पुस्तक लिखने वाले शिक्षक भी समय के साथ खुद को रखते हैं अपडेट। मौजूदा समय के इस प्रतिस्पर्धी युग में क्लास से लेकर निजी कोचिंग तक खुद को समय के साथ अपडेट रहने वाले शिक्षकों की ही मांग है। इस कड़ी में मिथिला विश्वविद्यालय के उप-परीक्षा नियंत्रक (तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा) सह राजनीति विज्ञान विभाग के युवा शिक्षक डॉ. मनोज कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “भारतीय राजनीति में चुनाव के बदलते आयाम” छात्र-छात्रा, शोधार्थी व समाजोपयोगी तो होगा ही और साथ ही साथ मिथिला विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों को भी पुस्तक लेखन के लिये प्रेरित करेगा। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना करते हैं।
आगे मिथिला विश्वविद्यालय के उप-परीक्षा नियंत्रक (तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा) सह राजनीति विज्ञान विभाग के युवा शिक्षक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि “भारतीय राजनीति में चुनाव के बदलते आयाम” पुस्तक कुल 177 पेज का है जो कि पेसिफिक बुक्स इंटरनेशनल प्रकाशन, दरियागंज, नई दिल्ली से छपी है। इस पुस्तक में कुल 5 अध्याय है। प्रथम अध्याय में लोकतंत्र का विकास एवं चुनाव, दूसरे अध्याय में निर्वाचन आयोग की संवैधानिक व्यवस्था, तीसरे अध्याय में राजनीतिक दल एवं चुनाव, चौथे अध्याय में भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचन आयोग की भूमिका व पांचवें व अंतिम अध्याय में भारतीय राजनीति में चुनाव के बदलते आयाम विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। हमने इस पुस्तक लेखन में अपने ज्ञान का सर्वश्रेष्ठ देने की पूरी कोशिश की है। विभिन्न शोधों से प्राप्त लेटेस्ट कंटेट को जोड़ा गया है ताकि छात्रों व शोधार्थियों को इसका बहुतायत लाभ मिल सके। खासकर राजनीति विज्ञान के छात्रों व शोधार्थियों को तो यह पुस्तक पढ़ना ही चाहिये साथ ही साथ राजनीति से जुड़ाव, लगाव व दिलचस्पी रखने वाले नीति-निर्माताओं व लोगों को भी पढ़ना चाहिये। उनके लिये लाभकारी साबित होगा यह पुस्तक।
विमोचन कार्यक्रम में माननीय कुलपति महोदय के साथ-साथ स्वयं किताब के लेखक सह मिथिला विश्वविद्यालय के उप-परीक्षा नियंत्रक (तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा) सह राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. मनोज कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आनंद मोहन मिश्रा, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाष चंद्र मिश्रा, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार बच्चन, राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव, इंग्लिश विभाग की डॉ. पुनीता झा, राजनीति विज्ञान विभाग के वरीय शिक्षक डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा उपस्थित थे।