#MNN@24X7 सिंघवारा प्रखंड के सिमरि ग्राम में गुरुवार दिनांक 16/11/2023 को डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र जाले के सहयोग से किया गया राजेंद्र हाइब्रिड मक्का-4 के बीज़ का अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्ष।
इस कार्यक्रम में डा राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के डॉ अजय कुमार (फसल समन्वयक, तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली) ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से मक्के की खेती के विषय में प्रशिक्षण दिया।
उन्होंने बताया कि एक एकर में मक्के (राजेंद्र हाइब्रिड- 4) की खेती के लिए 8 किलो बीज की जरूरत होती है l खेत को तैयार करने के समय 2 किलो प्रति एकर में लीथल 10 जी नामक कीटनाशक दवा को मिट्टी में मिला दें जिससे कि फसल कीड़ों से मुक्त रहेंगे। बीज को रोपने से पहले उसे अज़तोवेक्टर से उपचारित करना चाहिए। मक्के की बुआई कतार में 60 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी चाहिए। मक्के में 3 सिंचाई की जरूरत होती है और जरूरत पड़ने पर 4 सिंचाई भी दे सकते हैl
कृषि विज्ञान केन्द्र, जाले के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर के अगुवाई में इस कार्यक्रम को करवायी गई। उन्होंने सिमरि ग्राम में मक्के की खेती को बढ़ावा देने का एक प्रयास किया है। इस प्रयास से सिंघवारा मक्का किसान उत्पादक संगठन स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड से जुड़े किसानों को इसका लाभ मिल सके।
कृषि विज्ञान केन्द्र क अभियांत्रिकी डॉ अंजलि सुधाकर ने किसानों को किसान उत्पादक संगठन के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया और किसानों को इससे जुड़े सभी लाभ के बारे में भी बताया. किसानों ने भी अपनी अभिरुचि इस संगठन से जुडने में अभिरुचि दिखाई है।