#MNN@24X7 समस्तीपुर, सांसदों से भरे सदन में कार्यवाही के दौरान दो शख्सों के लोकसभा में कूदने के गंभीर मामले ने संसद की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिये है l जिला राजद प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर ने संसद की सुरक्षा प्रणाली और सुरक्षाकर्मियों समेत केन्द्र की भाजपा गठबंधन की सरकार पर भी सवाल उठाया है l
उन्होंने कहा कि लोकसभा में दो सिरफिरों के हंगामे के बाद संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल हैं। सवाल है कि आखिर किसी विजिटर को संसद परिसर और फिर लोकसभा या राज्यसभा की गैलरी में प्रवेश देने से पहले किस तरह की जांच प्रक्रिया से गुजरनी पड़ती है? सवाल है कि क्या जांच प्रक्रिया इतनी कमजोर है कि दो लोग जूतों में कलर स्मोक स्टिक छिपाकर लोकसभा पहुंच गए? इन सवालों के बीच एक और चौंकाने वाली बात सामने आई जिससे पता चलता है कि संसद की सुरक्षा व्यवस्था कितनी लचर है।
जांच में पता चला है कि सागर और मनोरंजन के पास 45 मिनट तक ठहरने का ही विजिटर पास था, लेकिन वो दोनों 2 घंटे तक लोकसभा की दर्शक दीर्घा में ठहरा और आखिर में वहां अफरा-तफरी मचा दी। निश्चित तौर पर जो सुरक्षा में चूक हुई है, वो चिंता का विषय भी है और आगे के लिए सतर्क रहने का विषय भी है। जिस तरह से लोकसभा हमारे लोकतंत्र का मंदिर है, देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा है। उसके अंदर कुछ विघटनकारी तत्व, षड्यंत्रकारी तत्व जिस प्रकार की चीजों को अंजाम देते हैं, उनके ऊपर सख्ती से कार्रवाई करने तथा सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने की जरूरत है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि संसद में सुरक्षा चूक की घटना मोदी सरकार की विफलता का परिचायक है। इस गंभीर मामले पर केन्द्रीय गृह मंत्री को बयान देना चाहिए तथा मामले की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराना चाहिए ।