कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित ने शोक- प्रस्ताव पढ़ा, जबकि दिवंगत आत्मा की शांति के लिए रखा गया 2 मिनट का सामूहिक मौन।

#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बालेश्वर ठाकुर के आकस्मिक निधन पर मानवीकी संकायाध्यक्ष प्रो ए के बच्चन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय सभागार में शोकसभा आयोजित की गई, जिसमें कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित, परीक्षा नियंत्रक डा आनंद मोहन मिश्र, आईक्यूएसी निदेशक डा मो ज्या हैदर, प्रेस एवं मीडिया प्रभारी डा आर एन चौरसिया, लोक सूचना पदाधिकारी डा नवीन कुमार सिंह, एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा, उपपरीक्षा नियंत्रक डा मनोज कुमार तथा सैयद मो जमाल अशरफ सहित शिक्षकेतर कर्मी उपस्थित थे।

शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित ने बताया कि प्रो ठाकुर का आकस्मिक निधन 22 दिसंबर, 2023 को अपराह्न 2:30 बजे हो गया। उनका जन्म 16 जुलाई, 1943 को हुआ था। उन्होंने 1964 में एम ए तथा 1978 में पीएच डी की डिग्री पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त किया था। वे भूगोल के प्रख्यात विद्वान थे, जिन्होंने 72 शोध पत्र एवं 11 पुस्तकें देकर समाज को उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया। प्रोफेसर बालेश्वर भूगोल विभाग, डीएसई में दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत थे, जिन्होंने हमेशा पठन- पाठन को प्राथमिकता देकर समाज को आगे बढ़ने का कार्य किया।

कुलसचिव ने बताया कि मिथिला विश्वविद्यालय में वे 6 अगस्त, 2001 से 31 मार्च, 2003 तक कुलपति का दायित्व निर्वाह करते हुए विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर ले जाने में अहम भूमिका निभायी। वे ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण एवं पठन- पाठन के लिए सतत् प्रयासरत रहे। कुलपति के रूप में उन्होंने प्रशासक की भूमिका में सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों तथा छात्र- छात्राओं को लगातार प्रोत्साहन देने एवं उनकी समस्याओं का निराकरण करते हुए मिथिला विश्वविद्यालय को एक मंजिल की ओर ले जाने का कार्य किया। प्रोफेसर ठाकुर सहज, शालीन, सौम्या एवं प्रभावी व्यक्तित्व के धनी थे। वे कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासन प्रिय तथा पठन- पाठन में रुचि रखने वाले शिक्षक थे। विश्वविद्यालय परिवार की यह शोकसभा उनके निधन पर गहरी संवेदना प्रकट करती है और ईश्वर से प्रार्थना करती है कि उनकी दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करें तथा उनके शोक संतप्त परिवार को यह असहनीय वेदना सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

इस अवसर पर दिवंगत आत्मा की परम शांति के लिए 2 मिनट का सामुहिक मौन रखा गया और विश्वविद्यालय भूगोल विभागाध्यक्ष से अनुरोध किया गया कि वे अपने स्तर से स्व. ठाकुर के शोक संतृप्त परिवार को शोक प्रस्ताव की एक प्रति उपलब्ध करवा देंगे।