2047 तक भारत को विकसित बनाने की हमारी महत्वाकांक्षी योजना है जो निश्चित रूप से समय पूर्व पूर्ण होगा- प्रो बच्चन।
भाषण- प्रतियोगिता में सुधांशु कुमार- प्रथम, सत्यम शिवेन्द्र- द्वितीय, अमन मिश्रा- तृतीय, रितु कुमारी चतुर्थ तथा अक्षय कुमार ने पाया पंचम स्थान।
भाषण हमारे मस्तिष्क का प्रतिबिंब, जिससे हमारी सोच एवं भविष्य की योजनाओं की होती है रूपरेखा तैयार- मनीष कुमार।
मतभेद भुलाकर एक- दूसरे को आगे बढ़ाने में मदद करने तथा पूरे समाज को क्रियाशील एवं जागरूक बनाने से होगा भारत विकसित- डा कामेश्वर।
विश्व का सर्वाधिक युवाशक्ति भारतीय जो राष्ट्रभक्त, कुशल, परिश्रमी एवं मानवीय मूल्यों से युक्त- डा चौरसिया।
#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में नेहरु युवा केन्द्र, दरभंगा के तत्वावधान में “मेरा युवा भारत- विकसित भारत @ 2047” विषय पर जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता में दरभंगा जिला के 15 से 29 वर्ष के 50 से अधिक युवा- युवतियों ने भाग लिया, जिसमें सुधांशु कुमार रवि- प्रथम, सत्यम शिवेन्द्र- द्वितीय तथा अमन कुमार मिश्रा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जिन्हें रैंक सर्टिफिकेट तथा मोमेंटो से अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया, जबकि रितु कुमारी ने चतुर्थ तथा अक्षय कुमार झा ने पंचम स्थान प्राप्त किया। इनमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सुधांशु कुमार रवि बिहार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में दरभंगा जिला का प्रतिनिधित्व करेंगे।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को नेहरु युवा केन्द्र, दरभंगा के द्वारा सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान कर हौसलअफजाई किया गया। प्रतियोगिता तीन चरणों में संपन्न हुई, जिसके प्रथम चरण में उद्घाटन कार्यक्रम तथा अतिथियों के प्रेरक संबोधन, द्वितीय चरण में प्रतिभागियों की भाषण- प्रतियोगिता तथा तृतीय चरण में रैंक सर्टिफिकेट, मोमेंटो तथा सहभागिता प्रमाण पत्रों का वितरण कार्यक्रम संपन्न हुए।
मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो ए के बच्चन ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने की हमारी महत्वाकांक्षी योजना है जो निश्चित रूप से पूरा होगा। उन्होंने कहा कि आज का भारत बदला हुआ है और हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। युवाओं के कंधों पर विकसित भारत बनाने का विशेष दायित्व है।
दीप प्रज्वलित कर प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए नेहरु युवा केन्द्र, दरभंगा के जिला युवा अधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि भाषण हमारे मस्तिष्क का प्रतिबिंब होता है, जिससे हम अपनी सोच एवं भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करते हैं। उन्होंने नेहरु युवा केन्द्र की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इसकी स्थापना 1972 में हुई थी जो अपनी सामाजिक जिम्मेवारी को निभाते हुए अब 50 वर्ष से अधिक का हो चुका है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उप कुलसचिव प्रथम डा कामेश्वर पासवान ने कहा कि इस भाषण प्रतियोगिता से यह तथ्य सामने आएगा कि 2047 तक भारत कैसे विकसित बनेगा? भारत को विकसित बनाना हम सबकी चुनौती एवं दायित्व है। इसके लिए पूरे समाज को क्रियाशील एवं जागरूक बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें आपसी मतभेद बुलाकर एक दूसरे को आगे बढ़ाने में मदद करना होगा।
निर्णायक मंडल के सदस्य डा संकेत कुमार झा ने कहा कि भाषण एक कला है जो निरंतर अध्ययन एवं अभ्यास से आता है। भारत 2047 तक विकसित होकर ही विश्वगुरु बन सकता है।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रभारी विभागाध्यक्ष सह विकसित भारत @ 2047 के विश्वविद्यालय नोडल अधिकारी डा आर एन चौरसिया ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी विकसित भारत का मात्र साक्षी नहीं, बल्कि सारथी बने, क्योंकि विश्व का सर्वाधिक युवा भारतीय हैं जो कुशल, परिश्रमी एवं मानवीय मूल्यों से युक्त हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में कुछ लोग जीते हैं तो ज्यादातर लोग सिखाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, उच्च तकनीक, सड़क एवं रेल व्यवस्था सहित अन्य आधारभूत संरचनाएं, नारी उत्थान, वृद्ध एवं शिशु सुविधाएं आदि विकसित देशों के मापदंड होते हैं।
उन्होंने सफल आयोजन के लिए नेहरु युवा केन्द्र को बधाई देते हुए भाषण के प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम में मंजू अकेला, योगेन्द्र पासवान, उदय कुमार उद्देश, कुणाल कुमार, नंदन कुमार, मणिकांत ठाकुर, रामनरायण पंडित, पूजा कुमारी, उपासना कुमारी तथा संगीता कुमारी आदि ने महत्वपूर्ण योगदान किया। भाषण प्रतियोगिता के तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल में डा संकेत कुमार झा, डा रवीन्द्र नारायण चौरसिया तथा डा मोना शर्मा शामिल थे।
आगत अतिथियों एवं निर्णायक मंडल के सदस्यों का स्वागत मोमेंटो से किया गया, जबकि स्वागत संबोधन संस्कृत प्राध्यापिका डा ममता सनेही ने किया। वहीं कार्यक्रम- संयोजक मुकेश कुमार झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डा मोना शर्मा ने किया।