नई शिक्षा नीति को प्रभावी बनाने के लिए होगा मंथन

दूसरे विश्वविद्यालयों से आमंत्रित किए गए हैं विद्वान

#MNN@24X7 दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को छात्र हित में और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कल कुलपति प्रो0 एलएन0 पांडेय की अध्यक्षता में बुधवार को दरबार हॉल में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। आइक्यूएसी एवं एनएसएस प्रभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम दो सत्रों में सम्पादित होगी। पहला सत्र साढ़े दस बजे पूर्वाह्न से दोपहर डेढ़ बजे तक तथा दूसरा सत्र अपराह्न ढाई बजे से साढ़े पांच बजे तक चलेगा। दोनों सत्रों के लिए अलग अलग संसाधन पुरुष आमंत्रित किये गए हैं। साथ ही विचार मंथन के लिए विषय वस्तु भी चिह्नित हैं।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि कुलपति के निर्देश पर मुख्यालय के सभी विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों, छात्रों के साथ साथ पदाधिकारियों व कर्मियों को भी वर्कशॉप में उपस्थित रहने के लिए कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह ने मंगलवार को कार्यालय आदेश जारी किया है।

दो सत्रों में चलेगा कार्यक्रम।

दो सत्रों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन प्रतिकुलपति प्रो0 सिद्धार्थ शंकर सिंह करेंगे।
पहले सत्र यानी उद्धाटन सत्र के संसाधन पुरुष मिथिला विश्वविद्यालय के डब्ल्यूआईटी के निदेशक प्रो0 प्रेम मोहन मिश्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति का परिचय, दृष्टिकोण, उसकी उपयोगिता, अनिवार्य शिक्षा एवं उच्च शिक्षा का स्वरूप जैसे विषयों पर प्रकाश डालेंगे। वहीं दूसरे संसाधन पुरुष इसी विश्वविद्यालय के राजनीतिविज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो0 मुनेश्वर यादव पुरानी शिक्षा नीति एवमं नई शिक्षा नीति में अंतर एवं विकसित भारत मे इसका योगदान विषय पर अपनी बातों को रखेंगे। इसी तरह प्रथम सत्र के ही तीसरे संसाधन पुरुष मिथिला विश्वविद्यालय के ही दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो0 हरेकृष्ण सिंह भारतीय ज्ञान परम्परा को सार्वभौम बनाने के उपाय बताएंगे। वहीं संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर प्रभारी व्याकरण के विद्वान प्रो0 सुरेश्वर झा कौशल नैतिक शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा में संस्कृत वांग्मय से सम्भावना विषय पर अपना व्याख्यान देंगे। इसके अलावा भारतीय ज्ञान परम्परा में संस्कृत के अध्ययन व अध्यापन और प्रचार प्रसार के विन्दुओं समेत अन्य समावेशी विषयों पर भी मंथन होगा।

दूसरे सत्र में विषय प्रवर्तन डॉ जितेंद्र कुमार करेंगे। वहीं बीआर अम्वेदकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के यूजीसी – एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो0 राजीव कुमार झा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – शिक्षण प्रशिक्षण की प्रविधि एवमं शैक्षणिक संसाधनों को मौलिक संसाधनों से सम्पन्न बनाने पर फोकस डालेंगे। अन्य संसाधन पुरुष संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ शिवलोचन झा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन, विश्वविद्यालय में शिक्षण प्रशिक्षण के मूल्यांकन एवं प्रत्यायन प्रकिया पर विचार व्यक्त करेंगे। इसके अलावा अन्य विषयों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। उधर, आइक्यूएसी के नोडल डॉ नरोत्तम मिश्रा एवम विश्वविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुधीर कुमार झा ने कहा कि कुलपति के निदेशानुसार उनकी तैयारी पूरी हो चुकी है। सिर्फ आगन्तुक अतिथियों का इंतजार है।

पहले से है पांच सदस्यीय टीम गठित।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को जमीनी रूप से लागू करने के लिए कुलपति प्रो0 पांडेय के नेतृत्व में विश्ववविद्यालय काफी सचेष्ट है। इसके लिए प्रभावी सुझाव देने के लिए प्रतिकुलपति प्रो0 सिद्धार्थ शंकर सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है। कमेटी के अन्य सदस्यों में व्याकरण विभाग के प्रो0 सुरेश्वर झा, धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो0 दिलीप कुमार झा, साहित्य विभाग के डॉ रीतेश कुमार चतुर्वेदी तथा ज्योतिष विभाग के डॉ वरुण कुमार झा शामिल हैं। कमेटी सदस्य मूल रूप से भारतीय ज्ञान परम्परा (इंडियन नॉलेज सिस्टम), बहुविषयक अध्ययन एवं अनुसंधान( मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एन्ड रिसर्च) तथा कौशल प्रशिक्षण (स्किल ट्रेनिंग) जैसे विन्दुओं पर मंथन कर चुके हैं।