#MNN@24X7 दरभंगा, कृषि विज्ञान केंद्र, जाले, दरभंगा के परिसर में ग्रामीण युवक-युवतियों के लिए 3 दिवसीय हर्बल गुलाल / अबीर विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रमाण पत्र वितरण के साथ समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर के नेतृत्व में किया गया था।
डॉ दिव्यांशु शेखर बताते हैं की इस कार्यक्रम का मूल्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर खासकर महिलाओ एवम् युवतियो में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णता निशुल्क होता है तथा इसमें आए हुए प्रशिक्षणार्थियों को सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक पूजा कुमारी ( गृह वैज्ञानिक) ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान आए प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ संपन्न किया गया । प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न फल एवं सब्जियां के रस से प्राकृतिक गुलाल तैयार करवाया गया । चुकंदर का इस्तेमाल गुलाबी रंग के लिए किया गया । हल्दी से पीला रंग तथा पालक और धनिया से हरा रंग तैयार करवाया गया ।
पूजा कुमारी ने बताया कि हर्बल गुलाल बनाने के लिए महिलाएं खाने में इस्तेमाल होने वाले रंगों का उपयोग भी कर सकती हैं। गुलाल में सुगंध के लिए गुलाब जल या इत्र का प्रयोग किया जा सकता है। पूजा कुमारी ने बताया कि यह ग्रामीण महिलाओं के लिए बहुत ही लाभदायक व्यवसाय है जिसे की महिलाएं अपने घर से हीशुरू कर सकती हैं तथा आर्थिक लाभ पा सकती है। प्राकृतिक तरीके से तैयार गुलाल हमारी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है तथा किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
इस दौरान केंद्र के अन्य वैज्ञानिक, डॉक्टर पवन कुमार शर्मा, डॉ प्रदीप विश्वकर्मा तथा संजीव कुमार तथा अन्य कर्मी उपस्थित थे।