#MNN@24X7 दरभंगा, संस्कृत महाविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण विकसित करने तथा छात्रों की अपेक्षित संख्या बढ़ाने के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय लगातार प्रयासरत हैं। संस्कृत लोकजन की भाषा बने इस पर भी उनका हमेशा फोकस रहता है। इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने चार संस्कृत महाविद्यालयों का निरीक्षण किया।
इसी क्रम में कुलपति प्रो0 पांडेय ने कहा कि वे महाविद्यालय जाकर खुद अवलोकन कर रहे हैं कि आखिर कैसे अधिकांश छात्रों को संस्कृत से जोड़ा जाय। इस दौरान कालेजों की स्थिति भी मालूम हो जा रही है। साथ ही आधारभूत संरचनाओं की भौतिक जानकारी भी मिल जाती है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण मात्र से बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ सकता लेकिन प्राध्यापकों समेत अन्य कर्मियों से रूबरू होकर समस्याओं का हल निकालने में जरुर मदद मिलेगी। कुलपति ने निरीक्षण के क्रम में सभी कॉलेजों के कर्मियों से संस्कृत को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि शुक्रवार को कुलपति प्रो0 पांडेय ने नन्दन संस्कृत महाविद्यालय, इशहपुर , कीर्ति नारायण कामाख्या संस्कृत महाविद्यालय ,महरैल, कल्याणी मिथिला संस्कृत महाविद्यालय ,दीप तथा आदिनाथ पारसमणि संस्कृत महाविद्यालय, रहुआ संग्राम ,मधुबनी का निरीक्षण किया और कई निर्देश भी दिया।