◆रसोइयों के मानदेय के नियमित भुगतान करने, मानदेय बढ़ाने की बजाय कुकिंग प्रतियोगिता मात्र ढ़कोशला- सुरेंद्र प्रसाद सिंह।
◆नीतीश-भाजपा सरकार का काम विज्ञापन -सरकारी आदेश तक सिमटा – रसोईया संघ।
#MNN@24X7 समस्तीपुर,, बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ के जिला संरक्षक एवं ऐक्टू (एआइसीसीटीयू) नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि सरकार ने दीपावली- छठ पर्व के अवसर पर राज्य में कार्यरत कर्मियों का वेतन-मानदेय का भुगतान पर्व से पूर्व करने का आदेश दिया है परन्तु गरीब- दलित- पिछड़े समुदाय से जुड़ी लगभग 2.40 लाख विद्यालय रसोइया जो सरकारी स्कूलों में 1650 रु के मामूली मासिक मानदेय पर कार्यरत है को इस दीपावली-छठ पर्व के अवसर पर भी पिछले 2 माह का बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है।
सरकार इस बात का हवाला देकर रसोइयों के साथ अन्याय नहीं कर सकती कि केन्द्र ने पैसे नहीं दिए इसलिए राज्य सरकार रसोइयों को 2 माह का बकाया मानदेय नहीं देगी। नेताओं ने जेडीयू, हम व लोजपा (आर) की मदद से चलने वाली सरकार से सवाल किया कि मध्याह्न भोजन योजना की रीढ़ विद्यालय रसोइयों के साथ इतना बड़ा अन्याय कैसे कर सकती है? नेताओं ने विद्यालय रसोइयों के बीच कुकिंग प्रतियोगिता आयोजित करने के निर्णय को ढ़कोसला बताया और कहा कि कभी प्रशिक्षण, कभी प्रतियोगिता के बजाय सरकार रसोइयों के मानदेय में अविलंब सम्मानजनक वृद्धि करे व नियमित भुगतान सुनिश्चित करे।
पर्व के पूर्व मानदेय भुगतान का सरकारी आदेश के वाबजूद गरीब महिला रसोइयों को मानदेय भुगतना नहीं करने को नेताओं ने सरकार की घोर लापरवाही बताया है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह व ने राज्य के विद्यालय रसोइयों का सिंतबर- अक्टूबर 2 माह का बकाया मानदेय का भुगतान तुरन्त करने की मांग किया साथ ही डबल इंजन की नीतीश- भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का काम अखबार के विज्ञापन , प्रचार -प्रसार व सरकारी कागजी आदेश तक सिमट गया है,वास्तव में सरकारी आदेश, निर्णय के विपरीत उच्च अधिकारियों के मनमर्जी पर ही काम हो रहा है ।
उन्होंने 2.40 लाख विद्यालय रसोइया को सितम्बर-अक्टूबर माह का 1650 रु प्रति माह की दर से 2 माह के मानदेय भुगतान अविलम्ब करने की मांग किया है।