संविधान का नया संस्करण बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि : डॉ जयशंकर
छात्रों के बीच संविधान की पठनीयता जरूरी : डॉ आर्या
#MNN@24X7 दरभंगा, राज मैदान दरभंगा में शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आम सभा आयोजित थी। इस मौके पर जुटे संस्कृत व मैथिली भाषी खासे उत्साहित व आनंदित थे। वजह साफ थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विमोचित संस्कृत व मैथिली में पहली बार प्रकाशित भारतीय संविधान की संशोधित प्रति वित्त मंत्री ने यहां के दोनों भाषाओं के अनुरागियों को सौंपी। सभा समाप्ति पर मंच के समीप ही वित्त मंत्री ने संस्कृत विश्वविद्यालय के व्याकरण विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ एल0 सविता आर्या को ज्योही संस्कृत में प्रकाशित भारतीय संविधान की नई प्रति सौंपी तो गदगद होकर सभी ने तालियों की गड़गड़ाहट से अपनी अपनी खुशी का इजहार किया। सभी ने पीएम मोदी को तहे दिल से धन्यवाद दिया और संस्कृत को उचित सम्मान देने के लिए आभार भी जताया।
मौके पर संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित ज्योतिष समेत कई विषयों के प्रकांड विद्वान डॉ रामचन्द्र झा ने कहा कि संस्कृत में संविधान का नया संस्करण देश के लिए अनुपम उपहार है। भारत सरकार ने संस्कृत का मान बढ़ाया है। अब संविधान के सभी अवयवों से वाकिफ होने में आसानी होगी। वहीं माँ श्यामा मन्दिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष प्रो.जयशंकर झा ने कहा कि बंदे मातरम् की भाषा का है यह सर्वोच्च सम्मान है। संस्कृत में संविधान प्रकाशन कराकर भारत सरकार ने संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने की भावना से ओतप्रोत संविधान निर्माता बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि दी है। साथ ही मातृभाषा मैथिली में भी संविधान के प्रकाशन को करोड़ो मिथिलावासियों के लिए उन्होंने मानवर्धक बताया। मिथिला मैथिली के प्रणेता व विद्यापति सेवा संस्थान के वरीय संस्थापक डॉ वैद्यनाथ चौधरी बैजू एवं मैथिली के बड़े पोषक कमलाकांत झा ने भी दोनों भाषाओं में संविधान की उपलब्धता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि खासकर मैथिली में अब आमजन भी संविधान में वर्णित धाराओं- नियमो -परिनियमों को समझ पाएंगे। इससे आपसी वैमनस्यता व लड़ाई झगड़े में बेशक कमी आएगी।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि सभी प्रशंसकों ने भारत सरकार की इस सर्वमान्य पहल की सराहना की और संस्कृत व मैथिली के प्रति सरकार की उदारता को उचित बताया। उधर, वित्त मंत्री का अभिवादन स्वीकार करते हुए डा0 एल् सविता आर्या ने कहा कि सभी छात्रों को संविधान के बारे में बताना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब संस्कृत में संविधान के अनुच्छेदों को आसानी से बच्चों को बताया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संविधान की नई प्रति ग्रहण करने पर कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय व कुलसचिव प्रो0 ब्रजेशपति त्रिपाठी ने भी इसे ऐतिहासिक अवसर बताया और बेहद प्रसन्नता जाहिर करते हुए संस्कृतानुरागियों के लिए अतुलनीय उपलब्धि कही। उन्होंने कहा कि संविधान लागू होने से पूर्व ही भारत रत्न म.म.पांडुरंग वामन काने के संपादकत्व में संस्कृत संस्करण प्रकाशित हुआ था। मौके पर मिथिला विश्वविद्यालय के संस्कृत स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डॉ.घनश्याम महतो एवं युवा भाजपा नेता बालेंदु झा समेत अन्य बुद्धिजीवी भी उपस्थित थे।