#MNN@24X7 दरभंगा, कृषि विज्ञान केंद्र, जाले, दरभंगा के परिसर में ग्रामीण युवक-युवतियों के लिए 4 दिवसीय हर्बल हस्त-काशीदारी द्वारा आय सृजन विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रमाण पत्र वितरण के साथ समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर के नेतृत्व में किया गया था।
डॉ दिव्यांशु शेखर बताते हैं भारत हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा का घर है। लगभग हर राज्य में सुंदर बुनाई और कढ़ाई की अपनी परंपरा है जिसका उपयोग कपड़े और लिनन बनाने के लिए किया जाता था। उन्होंने बताया कि इस इस प्रकार के प्रशिक्षण के द्वारा ग्रामीण महिलाएं अपने घर से ही रोजगार शुरू कर सकती हैं । उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णत: निशुल्क होता है तथा इसमें आए हुए प्रशिक्षणार्थियों को सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक पूजा कुमारी ( गृह वैज्ञानिक) ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान आए प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ संपन्न किया गया । पूजा कुमारी ने बताया कि कढ़ाई कपड़े या परिधान को पैटर्न से सजाने की कला है, जिसे रंगीन धागे और सुई का उपयोग करके सीधे सूती, रेशमी या अन्य कपड़ों पर सिल दिया जाता है। धागे भी ज़्यादातर सूती या रेशमी होते हैं और कढ़ाई में समृद्धि जोड़ने के लिए कई रंगों में आते हैं।
परंपरागत रूप से, प्रत्येक कढ़ाई शैली के अपने रूपांकन और पैटर्न होते थे। आज, पुराने के अलावा, कारीगर शिल्प को समकालीन बनाने और बड़े दर्शकों को आकर्षित करने के लिए नए विषयों और आकृतियों के साथ प्रयोग कर रहे हैं।
सदियों से कढ़ाई का काम केवल महिलाएं ही करती रही हैं। इनमें से कुछ कढ़ाई परंपराएं समय के साथ लुप्त हो गईं, क्योंकि युवा पीढ़ी के पास इन्हें अपनाने के लिए समय और इच्छा नहीं थी तथा ये पारिश्रमिक भी नहीं थीं।
हालांकि, कुछ उद्यमी लोगों ने इन पारंपरिक कढ़ाई में संभावनाएँ देखीं और उन्हें पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने के प्रयास किए। उन्होंने दूसरों को इस कला में प्रशिक्षित किया और महिला सशक्तिकरण में मदद की । यह ग्रामीण महिलाओं के लिए बहुत ही लाभदायक व्यवसाय है जिसे की महिलाएं अपने घर से ही शुरू कर सकती हैं तथा आर्थिक लाभ पा सकती है । इस दौरान केंद्र के अन्य वैज्ञानिक, डॉक्टर पवन कुमार शर्मा, डॉ प्रदीप विश्वकर्मा, डॉ निधि कुमारी तथा केन्द्र के अन्य कर्मी उपस्थित थे।