#MNN@24X7 दरभंगा मनाली (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित दस दिवसीय साहसिक शिविर सफलतापूर्वक पूरा कर लौटे संस्कृत विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों एवं दलनायिका डॉ. साधना शर्मा ।

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के चार उत्साही स्वयंसेवकों और स्वयंसेविकाओं – रमन कुमार झा, अङ्कित झा, नीतू कुमारी और काजल शर्मा ने हाल ही में एक साहसिक शिविर में भाग लेकर अपने अद्वितीय अनुभव और साहस का प्रदर्शन किया। महिला दल का नेतृत्व डॉ. साधना शर्मा ने किया।

शिविर का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट् , मनाली में 25 नवंबर से 04 दिसंबर, 2024 तक किया गया था। इस शिविर में बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल एवं गोआ राज्य के 89 स्वयंसेवकों(छात्र एवं छात्राओं) ने भाग लिया। जिसमें बिहार एवं झारखंड के 10 स्वयंसेवक एवं 10 स्वयं सेविकाएं थीं। इसमें से 4 स्वयंसेवक कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से थे।

इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने रॉक क्लाइंबिंग, ट्रेकिंग रिवर क्रॉसिंग, रैपलिंग, आर्टिफिशियल क्लाइंबिंग , सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। शिविर का उद्देश्य शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को बढ़ावा देना और नेतृत्व कौशल को निखारना था।

दलनायिका डॉ. साधना शर्मा ने इस अवसर पर कहा, ” इस शिविर ने छात्र- छात्राओ को बहिर्मुखी बनाया है। छात्र- छात्राओं ने बढ़ चढकर साहसिक एवम् सांस्कृतिक गतिविधियो मे भाग लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन, कुलपति प्रो. लक्ष्मीनिवास पाण्डेय, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा, डॉ राकेश पासवान और अटल आयोजक टीम के प्रति आभार प्रकट किया।

राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम – समन्वयक डॉ सुधीर कुमार झा ने संस्कृत विश्वविद्यालय के एडवेंचर दल के शिविर से सफलतापूर्वक भाग लेकर लौटने पर कहा-यह अनुभव न केवल हमारे भीतर आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है, बल्कि हमें टीम वर्क और नेतृत्व के महत्व को भी समझने का मौका देता है।उन्होंने क्षेत्रीय निदेशालय का साहसिक शिविर में संस्कृत विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों को अवसर देने हेतु आभार प्रकट किया ।

छात्र- छात्राओं ने भी अपने अनुभव साझा किए इस शिविर के नियम एवं प्रतिदिन की गतिविधि बताई।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस उपलब्धि की सराहना की और प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऐसे शिविर छात्रों के समग्र विकास में सहायक होते हैं।