मृत मजदूर के शव को छुपाकर सीमेंट फैक्ट्री कांड कराने के जिम्मेवार सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार झा को जेल में बंद करे पुलिस-प्रभात रंजन गुप्ता।

तमाम कर्मियों की सूची सार्वजनिक करते हुए बीमा कराये प्रबंधन-ब्रहमदेव प्रसाद सिंह।

श्रम कानून, प्रदूषण कानून एवं फैक्ट्री कानून की धज्जियां उड़ा रहे फैक्ट्री पर हो कारवाई- आसिफ होदा।

#MNN@24X7 ताजपुर/समस्तीपुर, 17 दिसंबर, सरसौना-ताजपुर सीमेंट फैक्ट्री में मजदूर मौतकांड, प्रबंधन एवं पुलिस की मिलीभगत एवं मनमानीपूर्ण रवैया के खिलाफ भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने प्रतिरोध मार्च निकालकर मुख्यमंत्री का पूतला फूंका।

मंगलवार को बड़ी संख्या में भाकपा-माले कार्यकर्ता मुर्गियाचक चौक पर ईकट्ठा होकर अपने-अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां लेकर तीन दिवसीय जिलाव्यापी कार्यक्रम के तहत प्रतिरोध मार्च निकाला। नारे लगाकर मार्च विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए इमली चौक पर पहुंचकर मार्च सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता खेग्रामस के प्रखंड सचिव प्रभात रंजन गुप्ता ने किया। सभा का संचालन किसान नेता ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने किया। आसिफ होदा, शंकर महतो, मो० क्यूम, मो० शकील, अर्जुन कुमार, संजीव कुमार राय आदि ने सभा को संबोधित करते हुए सीमेंट फैक्ट्री कांड के लिए फैक्ट्री प्रबंधन एवं पुलिस की मिलीभगत को जिम्मेवार ठहराया।

सभा को संबोधित करते हुए अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रभात रंजन गुप्ता ने कहा कि 12 दिसंबर को करीब 2 बजे रात्रि सीमेंट फैक्ट्री में दबकर सूर्यकांत राम की मौत हो गई। मजदूर को सदर अस्पताल के चिकित्सक ने मजदूर को मृत घोषित कर दिया। सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार झा पुलिस अभिरक्षा से अस्पताल से शव को लेकर फरार हो गये। शव को फैक्ट्री नहीं ले जाकर फैक्ट्री से 15-20 किलोमीटर दूर फेंकने के उद्देश्य से वैशाली के डभैत चौर लेकर चले गये। जब मृतक के चचेरे भाई नागेंद्र राम ने शव को फेंकने का विरोध किया तो सेफ्टी मैनेजर से उसे पिटने लगा चिखने-चिल्लाने पर स्थानीय ग्रामीण इकट्ठा हो गये। माजरा को समझ कर शव को लेकर फैक्ट्री पहुंचा दिए जहां आक्रोशित लोगों हंगामा पर उतारू हो गये। हंगामा शांत कराने को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें दर्जनों ग्रामीण घायल हो गये। हंगामा में घूसे असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया। इसमें आधे दर्जन पुलिस कर्मी घायल हो गये। पुलिस ने 152, 153 एवं 154/2024 तीन प्राथमिकी दर्ज कर 15 नामजद एवं 150 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज किया। पुलिस सोची-समझी राजनीति के तहत दोषी सेफ्टी मैनेजर को बचा रही है और निर्दोष लोगों को एफआईआर में डाल रही है। घर में घूस कर निर्दोष महिला-पुरूष को पिटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि शव छुपाकर फैक्ट्री कांड करवाने के जिम्मेवार सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार को हटाने, निर्दोष लोगों का नाम एफआईआर से हटाने, निर्दोष लोगों का नाम एफआईआर में डालने पर रोक लगाने, सभी मजदूरों का बीमा कराने, कर्मियों के नामों की सूची को सार्वजनिक करने, फैक्ट्री से फ़ैल रहे प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की है।

अंत में कांड एवं पुलिसिया जुल्म का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूतला फूंका गया।

उक्त आशय की जानकारी भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने देते हुए फैक्ट्री प्रबंधन एवं पुलिस मिलीभगत की जांच पुलिस अधीक्षक द्वारा करने, प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज करने, गिरफ्तार लोगों को रिहा करने आदि की मांग की है।