पटना के राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में सर्वोच्च प्रदर्शन से विश्वविद्यालय गदगद

#MNN@24X7 दरभंगा, बी.आई.टी.मेसरा, पटना में आयोजित राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में संस्कृत विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय स्वयंसेवक रविकान्त कुमार के सर्वोच्च प्रदर्शन से सभी गदगद हैं। करीब आधा दर्जन से अधिक प्रदेशों से आये दो सौ स्वयंसेवकों के बीच विकसित भारत पर भाषण प्रतियोगिता रखी गयी थी। इसमें बिहार से मात्र तीन स्वयंसेवक ही अपने भाषण से सभी को प्रभावित कर सका जिसमें रविकान्त भी शामिल रहा। इस प्रतियोगिता में सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए विजेता घोषित करते हुए भारत सरकार के क्षेत्रीय निदेशक गिरधर उपाध्याय के हाथों उसे मेडल से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय एकीकरण शिविर 12 से 18 दिसम्बर तक चला था।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि संस्कृत विश्वविद्यालय के चार स्वयंसेवकों रविकान्त कुमार, सावन कुमार, सोनी कुमारी एवं महिमा कुमारी शिविर में भाग लेने गए थे। शिविर से लौटे स्वयंसेवकों को विश्वविद्यालय के एनएसएस कोषांग में प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर रा.सेवा योजना समन्वयक डॅा सुधीर कुमार झा,युवा चेतना मंच के संयोजक डॅा सुधीर कुमार,शिक्षा-शास्त्र विभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी पवन कुमार सहनी के साथ अन्य कर्मी भी उपस्थित थे।

वहीं,शिविर से सफलतापूर्वक भाग लेकर लौटे रविकांत ने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि वहां लघु भारत देखने का मौका मिला। हमलोग विभिन्न प्रान्तों से आये हुए स्वयंसेवकों की संस्कृतियों, उनके रहन-सहन, खान-पान, वार्तालाप करने के तौर तरीके, लोक गीत एवं संगीत को नजदीक से देखा व परखा। शिविर के दौरान राष्ट्रीय एकता, योग, नेतृत्व क्षमता का विकास,भारत सरकार द्वारा विभिन्न समसामयिक योजनाओं की जानकारी, अनुशासित जीवन की पद्धति तथा टाइम मैनेजमेन्ट के बारे में बताया गया। उधर एनएसएस समन्वयक डॉ सुधीर कुमार झा ने कहा कि एन.आई.सी. कैम्प जैसे नेशनल कैम्प से हमारे स्वयंसेवकों में टीम वर्क के साथ -साथ नेतृत्व के महत्व को भी समझने का मौका मिलता है।उनमें व्यक्तित्व के विकास के साथ राष्ट्रीयता की भावना की भी परख होती है।