– हर महीने में पूर्णिमा मनाई जाती है।
– पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने से पाप खत्म हो जाते हैं।
– इस दिन दीपक जलाने का विशेष महत्व है।
पौष पूर्णिमा 13 जनवरी (Paush Purnima 2025 Date) को मनाई जाएगी। हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष के अंत में पौष पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान और विशेष चीजों का दान करने का अधिक महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर विष्णु जी और मां लक्ष्मी की उपासना करने से धन लाभ के योग बनते हैं।
नई दिल्ली। पौष माह की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा व अर्चना करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पूर्णिमा के दिन दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। नकारात्मक ऊर्जा भी होगी दूर।
पौष पूर्णिमा के दिन पूजा-अर्चना के दौरान मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और परिवार के सदस्यों पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही मन को शांति प्राप्त होती है। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को बेहद शुभ माना जाता है। इस पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना गया है।
पौष पूर्णिमा के दिन तुलसी के पास दीपक जलाकर मां तुलसी को फल और मिठाई का भोग लगाएं। इससे कभी भी धन की कमी नहीं होगी और रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। इसके अलावा पौष पूर्णिमा के दिन घर के मेन गेट पर देसी घी का दीपक जलाएं। इससे घर में नकारात्मक का ऊर्जा का आगमन नहीं होगा और सभी तरह की परेशानियां जल्द खत्म होंगी। साथ ही पापों का होगा नाश होगा।
पौष पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद दीपदान करें। माना जाता है कि दीपदान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सनातन धर्म में किसी शुभ तिथि पर दान करने का विशेष महत्व है। ऐसे में आप पौष पूर्णिमा के दिन श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और वस्त्र का दान करें। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से पैसों से तिजोरी भरी रहती है। साथ ही बिजनेस में लाभ प्राप्त होता है।
(साभार:- जागरण)