#MNN@24X7 रमाबल्लभ जालान कॉलेज बेला, दरभंगा की एनएसएस इकाई द्वारा ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के सुअवसर पर 12 एवं 13 जनवरी को आयोजित दो दिवसीय समारोह का आयोजन महाविद्यालय के सभाकक्ष में प्रधानाचार्य डॉ नरेन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ रवीन्द्र नारायण चौरसिया ने समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद की जीवनी तथा उसके द्वारा भारतीय चिंतन, संस्कृति एवं हिन्दू-सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की विस्तार से चर्चा की तथा उनके 1893 में शिकागो के सर्वधर्म सम्मेलन में दिए गए वक्तव्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उस समय जब हमारा देश गुलाम एवं गरीब था, उस स्थिति में उन्होंने किस प्रकार वहां जाकर अपने भारत के धर्म की ध्वज को फहराने का काम किया। युवाओं को उनके कहे हुए मार्ग पर चलने का आह्वान किया तथा उनकी जीवनी सबको निश्चित रूप से पढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत के पुनर्निर्माण में स्वामी जी का अद्वितीय योगदान रहा है, जिन्होंने युवाओं की शक्ति को पहली बार पहचान कर उन्हें आत्मविश्वासी तथा स्वावलंबी बनने का मंत्र दिया।
सभा की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ चौधरी ने अपने वक्तव्य में छात्रों और छात्राओं से आह्वान किया कि स्वामी विवेकानंद की जीवनी और उनके कहे बातों को सभी को अपने जीवन में उतरना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। खासकर युवा एवं विद्यार्थियों को उनके बारे में जीवन के माध्यम से सीख लेनी चाहिए। अपने लक्ष्य के प्रति हमेशा लग्नशील रहकर सतत लगे रहना चाहिए। भारत युवाओं का देश है और युवा चाहें तो भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सरकारों के द्वारा भी युवाओं के लिए अनेक कल्याणकारी तथा प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई हैं। बर्सर डॉ कृष्ण कुमार अग्रवाल ने 1893 में शिकागो के सर्वधर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद द्वारा कहे गए प्रथम शब्द ‘मेरे अमेरिका के भाइयों एवं बहनों’ शब्द के कहने पर 12 मिनट तक तालियों के वजने की चर्चा की तथा उनकी भारत के सांस्कृतिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका की विस्तृत चर्चा की ।
महाविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो शिव नारायण राय ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्वामी विवेकानंद की कीर्ति, क्रियाकलाप एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा सभी छात्रों को आह्वान किया कि हम लोगों को भी स्वामी विवेकानंद के किए गए मार्ग पर चलना चाहिए। NSS स्वयंसेवक अपने-अपने कार्य के बल पर अपना और महाविद्यालय का नाम रोशन करें।
समारोह में उपस्थित प्रमुख लोगों में डॉ अब्दुल हादी सिद्दीकी, अवकाश प्राप्त प्रो जीबछ प्रसाद, प्रो असलम, डॉ कैलाश नाथ झा, डॉ मानवी झा, ममता कुमारी, प्रो श्यामा कुमारी, प्रो लाल टूना झा, प्रो कामेश्वर प्रसाद यादव, अनिल कुमार ठाकुर, श्याम कुमार, प्रो अमरनाथ, स्वयंसेवकों में सुजीत कुमार, दलनायक सुलेखा कुमारी, अनुराधा, रागिनी, वर्षा, मौसमी, सोनिया, खुशबू, सपना, सरोज आलम, छोटू, वीरेंद्र, अमन, कमोद इत्यादि प्रमुख लोग ने अपनी सहभागिता दी।