स्वामी जी का जीवन युवा पथिकों के लिए शाश्वत प्रेरणा का स्रोत- प्रो झा
#MNN@24X7 दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर क्रीड़ा परिषद् द्वारा भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और मानवता के प्रतीक स्वामी विवेकानंद की 162 वीं जयंती सोमवार को विश्वविद्यालय खेल पदाधिकारी प्रो अजय नाथ झा की अध्यक्षता में दर्शनशास्त्र विभाग में बड़े धूम-धाम से मनाया गया।
जयंती के अंतर्गत अंतर-विभागीय प्रतियोगिताओं का आयोजन 11 से 13 जनवरी के बीच किया गया। सोमवार को विद्वतजनों के द्वारा विवेकानंद के विचारों एवं आदर्शों को सरल शब्दों में छात्र-छात्राओं के बीच रखा गया ,साथ ही आमंत्रित अतिथियों द्वारा प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किए प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण- पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मानविकी संकायाध्यक्ष प्रोफेसर मंजू राय की गरिमामयी उपस्थिति रही । विशिष्ट अतिथि दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो० शिवानंद झा, संस्कृत विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष प्रो० आर० एन० चौरसिया, दर्शनशास्त्र के प्रो० रुद्रकांत अमर और संजीव कुमार साह मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर मंजू राय ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और विचारों से रूबरू करते हुए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विवेकानंद के विचार आज भी प्रत्येक युवा के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। स्वामी जी ने भारतीय दर्शन अंतर्गत वेदांत और योग को पश्चिमी देशों में प्रस्तुत किया और भारत को विश्व- पटल पर गौरवांवित किया।
प्रो० अमर ने देश की प्रगति और सद्-विकास के लिए युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए कहा कि विवेकानंद वह सेतु हैं, जिस पर प्राचीन और नवीन भारत परस्पर मिलते हैं और विकसित भारत के संकल्प को जीवंत करते हैं। प्रो० शिवानंद झा ने अपने संबोधन में कहा कि विवेकानंद युवाओं के जीवन को बेहतर करने एवं देश की प्रगति में योगदान देने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे हैं।
प्रोफेसर आर० एन० चौरसिया ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए छात्र-छात्राओं को सक्रिय रूप से प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर अजय नाथ झा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह युग मशीनों का युग है। इस युग ने अनेकों सुख -सुविधाएं तो प्रदान की हैं, लेकिन भटकाव की अनंत संभावनाओं के साथ। ऐसी परिस्थिति में स्वामी विवेकानंद का जीवन युवा पथिकों के लिए शाश्वत मार्गदर्शन एवं प्रेरणा के स्रोत रूप में प्रासंगिक हो जाता है। आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रौद्योगिकी के ज्ञान के साथ भारतीय परंपरा के उदात्त मूल्यों की पहचान होना भी अत्यंत आवश्यक है।
राष्ट्रीय युवा दिवस की संयोजक सह स्नातकोत्तर क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष डॉ० प्रियंका राय से मिली जानकारी के अनुसार स्वामी विवेकानंद जयंती पर त्रि-दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें प्रतियोगिताओं एवं संभाषण शिविर का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनीश कुमार, स्नातकोत्तर राजनीतिशास्त्र विभाग ने, द्वितीय स्थान मो० शफतुल्लाह, स्नातकोत्तर उर्दू विभाग ने तथा तृतीय स्थान आलोक रंजन, स्नातकोत्तर रसायनशास्त्र विभाग ने प्राप्त किया।
वाद – विवाद प्रतियोगिता के अंतर्गत दिए गए विषय के पक्ष में अनीश कुमार, विभूति कुमार झा और सोनू कुमार सुमन ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं विपक्ष में आलोक रंजन, मो० साहिल और रोहित कुमार ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान तनुजा कुमारी, स्नातकोत्तर भौतिक विभाग ने , द्वितीय स्थान संयुक्त रूप से ईशान कुमार, स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग और पम्मी कुमारी स्नातकोत्तर हिंदी विभाग ने तथा तृतीय स्थान प्रियदर्शनी कुमारी, स्नातकोत्तर वनस्पति विभाग ने प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि कबड्डी प्रतियोगिता के अंतर्गत दो टीमें बनी जिसमें ग्रुप ए टीम में मानविकीय संकाय के छात्रों ने एवं ग्रुप बी टीम में सामाजिक विज्ञान संकाय के छात्रों ने कबड्डी मैच खेला। इस मैच में मानविकीय संकाय अर्थात ग्रुप A की टीम विजेता रही। इसी प्रकार महिला कबड्डी टीम में सामाजिक विज्ञान संकाय की टीम विजेता रही।