#MNN@24X7 कृषि विज्ञान केन्द्र जाले दरभंगा में वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर की अध्यक्षता में दरभंगा जिला के 32 युवक एवं युवतियों को कृषि यंत्र बैंक प्रबंधन पर चार दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत आज हुई।
प्रशिक्षण समन्वयक, कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को खेती में हो रहे आधुनिक कृषि यंत्रों की जानकारी दी जाएगी। कृषि के क्षेत्र में किसानों को ज्यादा से ज्यादा यांत्रिकीकरण को अपनाने की जरूरत है। खेती में लगने वाले विभिन्न यंत्र जैसे की प्राइमरी टिलेज यंत्र, सेकेंडरी टिलेज यंत्र, बीज बुआई यंत्र जैसे कि सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रेज्ड बेड प्लांटर, मल्टी क्रॉप प्लांटर, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, मेज डिबलर, सीडलिंड ट्रांसप्लांटर, ऑटोमैटिक पोटेटो प्लांटर, फसल कटाई यंत्र जैसे कि स्वचालित रीपर कम बाइंडर, मिनी हार्वेस्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, ब्रश कटर इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। कृषि में प्रयोग होने वाले फसल अवशेष प्रबंधन हेतू विभिन्न प्रकार के आधुनिक यंत्र जैसे कि स्ट्रॉ बेलर आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ई. निधि ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से कृषि यंत्र बैंक योजना शुरू की गई है। इसके तहत किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर या कृषि बैंक की खोलने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इसमें केवल 20 प्रतिशत पैसा ही किसान को लगाना होगा। गांव में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गांव के छोटे किसानों को कृषि यंत्र बैंक की सहायता से सस्ते में किराये पर खेती के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध कराना है ताकि हर किसान आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से खेती का काम आसानी से कर सकें। कृषि यंत्र बैंक खोलने के लिए खेतीबाड़ी व बागवानी में काम आने वाले कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार किसानों को सब्सिडी दी जा रही है ताकि उन्हें सस्ते में कृषि यंत्र मिल सकें।
बिहार सरकार की ओर से राज्य में अलग-अलग ज़िलों में कस्टम हायरिंग केंद्र/ कृषि यंत्र बैंक को तीन श्रेणियों में रखा है, जिसके तहत इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ये तीन श्रेणियाें के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।