इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) की राष्ट्रीय परिषद बैठक का दरभंगा में शुरू।

#MNN@24X7 दरभंगा, इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक 25-26 जनवरी को मिथिला विश्वविद्यालय में क्रांतिकारी जोश और उत्साह के साथ शुरू हुई। इस ऐतिहासिक बैठक में देशभर के युवा आंदोलन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक के पहले दिन माले महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड धीरेंद्र झा और विधान परिषद सदस्य कॉमरेड शशि यादव ने प्रतिनिधियों को संबोधित किया। नेताओं ने एक स्वर में बिहार और केंद्र सरकार की विफलताओं को उजागर किया। उन्होंने बीपीएससी अभ्यर्थियों पर पुलिसिया दमन और परीक्षाओं में बढ़ते धांधली को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ को ‘आतंक यात्रा’ और ‘अहंकार यात्रा’ करार देते हुए सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार, जो बीते 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज हैं, जनता की वास्तविक समस्याओं से पूरी तरह कट चुके हैं। बिहार में हर वर्ग अत्याचार और भ्रष्टाचार से त्रस्त है। उन्होंने बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज और बिहार भर में सीएम की प्रगति यात्रा से पूर्व छात्र-नौजवान नेताओं की गिरफ्तारी को तानाशाही का प्रतीक बताते हुए इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा हनन बताया। मोदी शासन की तानाशाही के खिलाफ नौजवानों का संघर्ष हो तेज करने का आह्वान किया कॉमरेड दीपांकर ने 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘बदलो बिहार महाजुटान’ में युवाओं को बड़ी संख्या में भाग लेने का अपील करते हुए कहा कि यह महाजुटान अन्याय और तानाशाही के खिलाफ निर्णायक संघर्ष का आगाज होगा।

कॉमरेड धीरेंद्र झा ने अपने संबोधन में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे संगठित होकर अन्याय और दमन के खिलाफ संघर्ष करें। युवाओं की भूमिका को देश के भविष्य के निर्माण में अहम बताते हुए कहा कि संगठित आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है, जिससे बदलाव संभव है।

विधान परिषद सदस्य कॉमरेड शशि यादव ने कहा,बिहार में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, भेदभाव और शोषण पर सरकार पूरी तरह विफल है। महिला सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार पर केवल दिखावा किया जा रहा है, जबकि जमीनी हकीकत डरावनी है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अन्याय के खिलाफ संगठित होकर अपनी आवाज उठाएं। यह लड़ाई केवल अधिकारों की नहीं, बल्कि समानता और न्याय की है।

बैठक में आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने बिहार में बीपीएससी आंदोलन के सवाल पर सरकार को घेरा और इसे नौजवानों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल रोजगार के अधिकार की नहीं, बल्कि लोकतंत्र, न्याय और समानता के लिए है। सरकार लगातार युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन आरवाईए का संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक युवा अपने हक और सम्मान को हासिल नहीं कर लेते।
आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि देश के नौजवानों को अब बेरोजगारी और तानाशाही के खिलाफ आंदोलन को तेज करना होगा। सरकार की नीतियां युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल रही हैं। करोड़ों पढ़े-लिखे युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं, जबकि सरकार जुमलों और वादों से उन्हें गुमराह कर रही है। यह वक्त चुप बैठने का नहीं, बल्कि सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ने का है। आरवाईए हर युवा को संगठित कर इस संघर्ष को नई ऊंचाई देगा। बैठक में उत्तर प्रदेश सचिव सुनील मौर्य,पश्चिम बंगाल के सचिव रणंजय सेनगुप्ता,बिहार के अध्यक्ष जितेंद्र पासवान,हरियाणा के सचिव गोपी रतिया,झारखंड के सचिव अविनाश कुमार,राधा कुमारी, दिव्या भगत,ओणम सिंह,सबा रौशनी,संदीप कुमार चौधरी,वतन कुमार सहित दर्जनों राज्य के राष्ट्रीय नेता शामिल हुए।