आइसा-आरवाईए निकालेगा ‘बदलो बिहार छात्र-युवा संघर्ष यात्रा’।
11-13 फरवरी तक बिहार में निकलेंगी सघन यात्राएं।
20 फरवरी- 3 मार्च तक चलेगा सघन ‘बदलो बिहार छात्र-युवा संवाद’।
विधानसभा सत्र में 9 मार्च को पटना में छात्र-युवाओं का होगा महाजुटान।
#MNN@24X7 समस्तीपुर 5 फरवरी छात्र संगठन आइसा और युवा संगठन आरवाईए संयुक्त जिला कमिटी का बैठक पार्टी जिला कार्यालय मालगोदाम चौक समस्तीपुर में रखा गया। बैठक की अध्यक्षता आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार व आइसा जिला अध्यक्ष लोकेश राज एवं संचालन आइसा जिला सचिव सुनील कुमार एवं पर्यवेक्षक आइसा राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, मुख्य अतिथि भाकपा-माले जिला सचिव उमेश कुमार व आइसा – आरवाईए प्रभारी सुरेंद्र कुमार सिंह उपस्थित थे। बैठक में बिहार में शिक्षा-परीक्षा-बहाली पर माफिया तंत्र के कब्जे का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ बड़े राज्यव्यापी अभियान तहत जिला में घोषणा की है. “बदलो बिहार छात्र-युवा संघर्ष यात्रा” 11-13 फरवरी तक जिसमें 11 फरवरी को दलसिंहसराय, उजियारपुर, खानपुर, वारिसनगर 12 फरवरी को अंबेडकर जी के स्टैचू पर माल्यार्पण बाद कल्याणपुर, पूसा, ताजपुर प्रखंड में 13 फरवरी को मोरवा, सरायरंजन, सदर समस्तीपुर में भगत सिंह के स्टैचू पर माल्यार्पण, जिला में सघन तौर पर निकाली जाएगी. इस यात्रा के तहत छात्र-युवा नेताओं की 20 टीमें पूरे जिला में छात्र-नौजवानों के बीच बैठक, नुक्कड़ सभा के जरिए सघन जनसंपर्क अभियान चलाएगी.
23 फरवरी-3 मार्च तक कॉलेजों, छात्रावासों और पंचायतों में आइसा ‘बदलो बिहार छात्र संवाद’ और आरवाईए ‘बदलो बिहार युवा संवाद’ के जरिए सघन छात्र-युवा गोलबंदी करेगा.
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 9 मार्च को पटना में छात्र नौजवानों का महाजुटान होगा.
बैठक में आरवाईए जिला कमिटी सदस्य मुकेश कुमार गुप्ता, तनंजय प्रकाश, कुंदन कुमार, मुकेश यादव, आइसा नेता दीपक यदुवंशी, राजू झा, जितेंद्र साहनी, नीतीश राणा, विशाल कुमार, मो फैयाज, गौतम कुमार सैनी मौजूद थे।
बैठक में आइसा प्रदेश अध्यक्ष प्रीति कुमारी में कहा कि नई शिक्षा नीति हो या रोजगार विहीन विकास का कॉरपोरेट-परस्त आर्थिक मॉडल, शिक्षा-रोजगार पर सरकारी नीतियों के हमले से तो हम जूझ ही रहे हैं. साथ ही BPSC मामले ने फिर साबित कर दिया है कि सरकार के संरक्षण में बिहार में शिक्षा-परीक्षा-बहालियों पर माफिया तंत्र का कब्जा है. देश में 80 से ज्यादा बड़ी प्रतिस्पर्धा परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हुए हैं. बिहार इसका एक बड़ा केंद्र बन हुआ है. विरोध की आवाजों को कुचल देने पर सरकार आमादा है. अनेक छात्र-शिक्षक जेल में हैं. दर्जनों पर मुकदमे दर्ज हैं. अनेक छात्रों को BPSC परीक्षा से वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. आत्महत्याएं जारी हैं. पर माफियाओं को खुली छूट है. ऐसे में माफितंत्र की संरक्षक निरंकुश सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ निर्णायक संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है.
आइसा-आरवाईए संयुक्त बैठक में 12 सूत्री मांगें उठाई हैं :
1.BPSC-PT रद्द कर पुनर्परीक्षा घोषित हो!
2.परीक्षा पेपर-लीक व बहाली अनियमिताओं की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो!
3.शिक्षा-परीक्षा माफिया तंत्र, पेपरलीक पर सख़्त कानून बनाया जाए!
4.जेल में बंद छात्रों-शिक्षकों को अविलंब बेशर्त रिहा किया जाए, मुकदमे वापस हों!
5.विश्वविद्यालयों में व्याप्त आर्थिक-प्रशासनिक अनियमितताओं पर रोक लगे!
6.पंचायत स्तर पर हाई स्कूल और प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेजों की स्थापना हो!
7.छात्र-शिक्षक अनुपात के तय मानकों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति हो!
8.सरकारी विभागों में आउटसोर्स व्यवस्था बंद हो, सभी रिक्त पदों पर स्थाई बहाली का प्रबंध हो !
9.नौकरियों में बिहार के लिए 70 प्रतिशत की डोमिसाइल नीति लागू हो!
10. 18 से 35 वर्ष तक के सभी बेरोजगारों को 5 हजार बेरोजगारी भत्ता दिया जाए!
11.छात्र-संघों के चुनाव अविलंब घोषित हों!
12. बिहार में युवा आयोग का गठन हो!