-किसी प्रकार की अनदेखी से बुजुर्ग को हो सकती परेशानी
-शारीरिक समस्या होने पर निकट के सरकारी अस्पताल के निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का उठायें लाभ
दरभंगा, 27 अप्रैल। ग्रीष्मकाल, विशेष रूप से इस वर्ष, कष्टदायी और झुलसा देने वाला है। इसका असर सबसे ज्यादा कमजोर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। हालांकि बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए उनके माता-पिता तरह-तरह के जतन करते हैं लेकिन इस बीच कभी-कभी घर के बुजुर्ग लोगों को अनदेखा कर दिया जाता है। डीएमसीएच के वरीय चिकित्सक डॉ एससी झा ने बताया इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। क्योंकि बुजुर्ग लोगों को बच्चों के समान ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस गर्मी में अपने परिवार के बुजुर्गों को सुरक्षित और स्वस्थ कैसे रख सकते हैं।
पानी की कोई कमी न हो इस बात का ध्यान रखें:
डॉ झा के अनुसार गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी से हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। यह सलाह दी जाती है कि वृद्ध लोग पर्याप्त पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें। आहार में रस को शामिल करना भी अत्यधिक उचित है।
सूती या खादी से बने कपड़े इस्तेमाल करें:
डॉ झा ने बताया गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचें। इसके अलावा, कपड़े बहुत अंतर कर सकते हैं। इसलिए, एक बड़े व्यक्ति के लिए रेशम, मखमल या नायलॉन जैसे कपड़ों के बजाय सूती या खादी से बने कपड़े पहनना आरामदायक होता है।
आंखों पर ध्यान दें:
वृद्ध लोगों की आंखें नाजुक होती हैं। गर्मी के संपर्क में आने से एलर्जी, कंजक्टिवाइटिस और ड्राइनेस का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। ऐसे परिदृश्यों से बचने के लिए, अपनी आंखों को गर्मी से बचाने के लिए अपने आहार में विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर फलों को शामिल करें।
स्वच्छता बनाए रखें:
डॉ एससी झा ने कहा गर्मियों में बुजुर्गों को त्वचा में संक्रमण होने का खतरा रहता है। ऐसे मामलों में औषधीय या हर्बल साबुन का उपयोग करना बेहतर होता और सुनिश्चित करें कि वे स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके अलावा, खराब स्वच्छता उनके पाचन तंत्र को भी प्रभावित कर सकती और फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है। अपने आहार में ताजी और हरी सब्जियों को अवश्य शामिल करें।
डॉक्टर की सलाह:
यदि परिवार के किसी बड़े व्यक्ति को बीमारी होने का खतरा है तो नियमित जांच की आदत बना लें। इसके अलावा, यदि परिवार के किसी बड़े व्यक्ति का स्वास्थ्य ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाने के बावजूद बिगड़ता है, तो हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। चिकित्सक से सलाह के लिए निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क करें। वहाँ 24 घण्टे चिकित्सक की ड्यूटी निशिचत की गई है। विशेष जानकारी के लिए निकट की आंगनबाड़ी सेविका या आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर सकते हैं।