गलत खानपान तथा दिनचर्या से विश्व में 12% बच्चे तथा कुल आबादी के 40% व्यक्ति हो गए हैं मोटे- मुख्य वक्ता डॉ शंभू शरण।
पश्चिमी खानपान को छोड़कर भारत की पारंपरिक पोषक भोजन अपनाकर स्वास्थ्य एवं दीर्घ जीवन जीना संभव- डॉ चौरसिया।
#MNN24X7 दरभंगा गर्भाधान से प्रारंभिक 1000 दिनों तक का काल बच्चों के सर्वांगीण विकास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। गर्भावस्था में माता को अधिक नमकीन, खट्टा या तीता पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। स्वस्थ माता से ही स्वस्थ बच्चे एवं खुशहाल समाज का निर्माण संभव है। यदि गृहणियां जागरूकता पूर्वक खाना बनाए तो कम खर्चे में भी पोषण युक्त भोजन तैयार हो सकता है। उक्त बातें स्नातकोत्तर एनएसएस इकाई, विश्वविद्यालय गृहविज्ञान विभाग तथा डॉ प्रभात दास फाउंडेशन, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में गत आठ अप्रैल से प्रारंभ पोषण पखवाड़ा के समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, दरभंगा के प्राध्यापक एवं पूर्व प्रभारी प्राचार्य डॉ शंभू शरण ने कही। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान 9 महीनों में माता द्वारा लिए जाने वाले उचित भोजनों की विस्तार से चर्चा करते हुए पीपीटी के माध्यम से कहा कि फास्ट एवं जंक फूड में पोषक तत्व न्यूनतम होता है। इनमें नमक, तेल, फैट आदि अधिक होने के कारण ये मोटापा बढ़ाते हैं। गलत खानपान के कारण विश्व में 12% बच्चे तथा कुल आबादी के 40% व्यक्ति मोटे हैं। अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि उनके बच्चे उच्च पोषक एवं संतुलित भोजन ही ग्रहण करें। आयुर्वेद के अनुसार 16 वर्षों तक बच्चों के बल एवं बुद्धि का सर्वाधिक विकास होता है। डब्लूएचओ ने भारतीय दाल- चावल-सब्जी तथा खिचड़ी को पोषण की दृष्टि से श्रेष्ठ भोजन माना है।
अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि हम पश्चिमी खानपान को छोड़कर भारत की पारंपरिक पोषक भोजन अपनाकर स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन जी सकते हैं। हमें उचित आहार-बिहार, योग- प्राणायाम, औषधि- दिनचर्या तथा सकारात्मक सोच अपनाना चाहिए। हमें मन पर नियंत्रण रखते हुए अपने शरीर के अनुसार भोजन लेना चाहिए तथा अधिक नमकीन, मीठा, तैलीय तथा मसालेदार भोजनों से बचना चाहिए।
इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में प्रिया एवं गुंजन कुमारी- प्रथम, सुगंधा- द्वितीय तथा समरेश कुमार- तृतीय, निबंध प्रतियोगिता में प्रेरणा प्रगति, अनीशा एवं विवेक- प्रथम, समरेश तथा प्रिया लता- द्वितीय तथा पोस्टर प्रतियोगिता में रश्मि- प्रथम, अभिषेक गुप्ता- द्वितीय तथा सुगंधा कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जिन्हें अतिथियों द्वारा रैंक प्रमाण पत्र दिया गया, जबकि पोषण पखवाड़ा में शामिल 100 छात्र-छात्राओं को सहभागिता प्रमाण पत्र भी दिया गया। कार्यक्रम में डॉ प्राची मरवाह, डॉ उषा झा, रंभा कुमारी तथा अनिल कुमार सिंह सहित 80 से अधिक व्यक्ति शामिल हुए।
कार्यक्रम का प्रारंभ रश्मि एवं गुंजन के स्वागत गान से, जबकि समापन सामूहिक राष्ट्रगान से हुआ। अतिथियों का स्वागत पुष्प- पौधों से किया गया। एनएसएस पदाधिकारी डॉ सोनू राम शंकर के संचालन एवं अतिथि स्वागत में आयोजित कार्यक्रम में डॉ प्रगति में धन्यवाद ज्ञापन किया।