चुनाव आयोग का नया फरमान मतदाता सूची को अपडेट करना नहीं बल्कि गरीबों-वंचितों से उनका वोट छीनने की साज़िश है- माले।

बिहार में अपनी तयशुदा हार से बौखलाकर भाजपा-नीतीश सरकार ने चुनाव आयोग का सहारा लिया है- माले।

#MNN24X7 समस्तीपुर, 1 जुलाई, चुनाव आयोग के विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण के फरमान के खिलाफ अपने राज्यव्यापी मताधिकार बचाओ-लोकतंत्र बचाओ जन अभियान के तहत भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने मार्च निकालकर सभा किया।

मंगलवार को बड़ी संख्या में भाकपा-माले कार्यकर्ता अपने-अपने हाथों में झंडे, बैनर एवं मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां लेकर “अपने वोट के अधिकार पर हमला नहीं सहेंगे”, “चुनाव आयोग वोटबंदी का तानाशाही फरमान वापस लो”, “अपने वोट और लोकतंत्र की रक्षा कौन करेगा- हम करेंगे हम करेंगे” आदि नारे लगाते हुए शहर के मालगोदाम चौक से मार्च निकाला जो मुख्य मार्गों से गुजरते हुए स्टेशन चौक पहुंचकर मार्च सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य रामचंद्र पासवान ने की। सभा का संचालन आइसा जिला सचिव सुनील कुमार सिंह ने किया।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में तयशुदा हार से बौखलाकर भाजपा-नीतीश सरकार ने चुनाव आयोग का सहारा लिया है। चुनाव आयोग का नया फरमान मतदाता सूची को अपडेट करना नहीं बल्कि बिहार के गरीबों-वंचितों से वोट छीनने की साज़िश है। मोदी सरकार पहले नोटबंदी की थी अब वोटबंदी कर रही है। यह लोकतंत्र की खुली हत्या है। चुनाव आयोग को यह फरमान वापस लेना चाहिए।

आइसा जिला अध्यक्ष लोकेश राज ने कहा कि बिहार के मेहनतकशों ने अपने मताधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया है। हम इसे किसी भी कीमत पर छीनने नहीं देंगे। उन्होंने अपने वोट एवं लोकतंत्र की रक्षा के लिए उपस्थित लोगों से संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। मौके पर राजद के मो० अकबर अली, भाकपा माले के राजकुमार चौधरी, अनील चौधरी, सुरेंद्र राय, उमेश महतो, जीतेंद्र कुशवाहा, विवेक कुमार , नीतीश राणा, रामलाल राम, मनोज कुमार सिंह, रामनरेश राय आदि मौजूद थे‌।