कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरी के उद्घाटन-सत्राध्यक्ष में कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पाण्डे एवं पूर्व कुलपति प्रो तपन शांडिल्य होंगे विशिष्टातिथि।
विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग तथा वीएसजे कॉलेज, राजनगर के संयुक्त तत्वावधान में होगा हाइब्रिड मोड में सेमिनार का आयोजन।।
‘प्राचीन एवं आधुनिक दण्ड- व्यवस्था : एक विमर्श’ विषय पर जुबली हॉल में आयोजित सेमिनार हेतु पंजीयन प्रारंभ।
सेमिनार की तैयारी के उद्देश्य से विभागीय अध्यक्ष, शिक्षकों एवं सेमिनार के दायित्वधारियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित
#mnn24x7 दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में स्थापित उदयनाचार्य पीठ तथा वीएसजे कॉलेज, राजनगर, मधुबनी के संयुक्त तत्त्वावधान में 28 अगस्त, 2025 को जुबली हॉल में “प्राचीन एवं आधुनिक दण्ड-व्यवस्था : एक विमर्श” विषय पर हाइब्रिड मोड में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार का बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन करेंगे। वहीं मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी प्रधान संरक्षक सह उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष होंगे, जबकि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी मुख्य वक्ता तथा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर लक्ष्मी निवास पाण्डेय एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के पूर्व कुलपति एवं वर्तमान में टीपीएस कॉलेज, पटना के प्रधानाचार्य प्रोफेसर तपन शांडिल्य विशिष्ट अतिथि होंगे। इस राष्ट्रीय सेमिनार में उच्च शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, पटना के निदेशक प्रो नवीन कुमार अग्रवाल सम्मानित अतिथि के रूप में अपनी सहभागिता देंगे।
सेमिनार की तैयारी के उद्देश्य से संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो की अध्यक्षता में विभागीय शिक्षकों, शोधार्थियों एवं सेमिनार से संबंधित दायित्वधारियों की महत्वपूर्ण बैठक संस्कृत विभाग में आयोजित की गई, जिसमें संयोजक प्रो जीवानन्द झा, समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया, आयोजन सचिव डॉ मोना शर्मा, संयुक्त सचिव डॉ ममता स्नेही एवं डॉ विनय कुमार झा, कोषाध्यक्ष मणिपुष्पक घोष, सदानंद विश्वास, जिग्नेश कुमार, बाल कृष्ण कुमार सिंह, विद्यासागर भारती, मंजू अकेला, योगेन्द्र पासवान एवं उदय कुमार उदेश आदि ने भाग लिया।
वीएसजे कॉलेज, राजनगर के प्रभारी प्रधानाचार्य सह सेमिनार के संयोजक प्रो जीवानन्द झा ने बताया कि उद्घाटन सत्र के साथ ही दो तकनीकी सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, दिल्ली के व्याकरण विभागाध्यक्षा प्रो सुजाता त्रिपाठी तथा बी आर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर की संस्कृत प्राध्यापिका प्रो निभा शर्मा रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित होंगी। विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो ने बताया कि प्रतिभागी 15 अगस्त, 2025 तक 200 से 300 शब्दों में शोध सारांश तथा 2000 से 2500 शब्दों में फुल पेपर 25 अगस्त तक ई-मेल lnmusnkseminar@gmail.com पर भेज सकेंगे। उच्च स्तरीय शोध आलेखों को प्रकाशित किया जाएगा। आयोजन सचिव डॉ मोना शर्मा ने बताया कि सेमिनार में विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा शिक्षक एवं अन्य के लिए पंजीयन शुल्क क्रमशः 400, 600 एवं 800 रुपए रखा गया है। पंजीयन के इच्छुक व्यक्ति विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग आकर या मो नंबर- 9905437636/ 8340279799 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सेमिनार हेतु ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा।
सेमिनार के समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने बताया कि सेमिनार हेतु पंजीयन 28 जुलाई से प्रारंभ होकर 20 अगस्त तक चलेगा, जिसमें संस्कृत, हिन्दी, दर्शनशास्त्र, इतिहास, मैथिली, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र आदि विषयों के कोई भी विद्यार्थी, शोधार्थी या शिक्षक भाग ले सकते हैं। सुरक्षा आदि कारणों से सभी प्रतिभागियों का फोटो युक्त पहचान पत्र निर्गत किया जाएगा। इस कारण आगामी 20 अगस्त के बाद सेमिनार हेतु पंजीयन नहीं किया जा सकेगा।