#MNN24X7 दरभंगा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 लाख महिला लाभुकों के बैंक खातों में दस-दस हजार रुपये की राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी गई। इस दौरान कुल 2,500 करोड़ रुपये का ऑनलाइन अंतरण किया गया। इस ऐतिहासिक पहल से राज्य की 21 लाख महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ हुआ है, जिनमें दरभंगा की 96 हजार से अधिक महिलाएं भी शामिल हैं।

अब तक इस योजना से पूरे राज्य में 1 करोड़ 21 लाख महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।

दरभंगा जिले की 4 लाख 85 हजार से अधिक जीविका दीदियां भी शामिल हैं,जिन्होंने इस योजना के माध्यम से स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाया है।

कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राज्य मुख्यालय से लेकर जिला,प्रखंड, संकुल संघ और ग्राम संगठन स्तर तक किया गया।

दरभंगा में समाहरणालय स्थित अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी कौशल कुमार की उपस्थिति में कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य परियोजना प्रबंधक (नॉन फार्म) समीर कुमार और जिला परियोजना प्रबंधक डॉ.ऋचा गार्गी उपस्थित थी।

जिलेभर के प्रखंड कार्यालयों, 69 संकुल संघों और ग्राम संगठन स्तर पर पांच लाख से अधिक महिलाओं ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि जीविका दीदियों की मेहनत,अनुशासन और लगन ने संगठन को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि जीविका ने बिहार की महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण किया है।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिलने वाले 10 हजार रुपये स्वरोजगार की दिशा में महिलाओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।

आने वाले महीनों में महिलाओं के रोजगार का आकलन किया जाएगा और उनके प्रदर्शन के आधार पर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।

उन्होंने उम्मीद जताई कि महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर “लखपति दीदी” बनेंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगी।

कार्यक्रम के दौरान एसपीएम समीर कुमार ने कहा कि जीविकोपार्जन के सभी क्षेत्रों में जीविका दीदियाँ बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं और स्वरोजगार के माध्यम से पूरे देश में अपनी पहचान गढ़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह 10 हजार रुपये की राशि केवल आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है। यह प्रत्येक दीदी को अपने रोजगार और व्यवसाय को और आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।

डीपीएम डॉ.ऋचा गार्गी ने बताया कि दरभंगा की जीविका दीदियां इस योजना से अत्यधिक उत्साहित हैं।

कोई सिलाई मशीन खरीदकर रोजगार शुरू कर रही हैं, कोई फोटोकॉपी मशीन लगाकर स्वरोजगार से जुड़ रही हैं। कई महिलाएं छोटी-छोटी दुकानें खोल रही हैं,तो कई पशुपालन और कृषि कार्यों में पूंजी लगाकर आजीविका के नए अवसर तलाश रही हैं। कुछ महिलाएं घरेलू उत्पादन द्वारा सामग्री निर्माण कर स्थानीय बाजार में अपनी पहचान बना रही हैं।
महिलाओं के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण की भी विशेष व्यवस्था की गई है,ताकि वे अपने कार्यों को और अधिक प्रभावी और टिकाऊ बना सकें।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिली यह राशि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे वे न केवल अपने परिवार का सहारा बनेंगी,बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा बनेंगी