नई दिल्ली। चीन (China) के साथ चल रहे विवाद के दौरान सेना के डीजीएमओ (DGMO) रहे लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस. राजू अब नए सह-सेना प्रमुख (Vice Chief Of Army Staff) नियुक्त किए गए हैं. लेफ्टिनेंट राजू जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे जो रविवार को थल सेना प्रमुख की कमान संभालने जा रहे हैं. जाट रेजीमेंट से ताल्लुक रखने वाले बीएस राजू डीजीएमओ बनने से पहले श्रीनगर स्थित चिनार कोर के कमांडर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. आज रविवार को थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे रिटायर होने जा रहे हैं. उनकी जगह वाइस चीफ प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडेय दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना यानी भारतीय सेना की कमान संभालेंगे. ऐसे में वाइस चीफ प्रमुख का पदभार, लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावल्ली सोमशेखर (बीएस) राजू को सौंपा गया है.

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार संभालेंगे डीजीएमओ का पदभार।

ऐसा काफी कम देखने में आता है कि सेना मुख्यालय में तैनात किसी प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर (PSO) को सीधे सह-सेना प्रमुख का पदभार दिया जाता है. अमूमन किसी कमांडर को ही ये अहम पद सौंपा जाता है. राजू की जगह अब डीजीएमओ (DGMO) का पदभार, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार संभालेंगे. थलसेना के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल राजू सैनिक स्कूल, बीजापुर के छात्र रहे हैं और 1984 में सेना की जाट रेजीमेंट में बतौर सैन्य अफसर कमीशन हुए थे. ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उन्होनें अपनी बटालियन (15 जाट) की कमान वेस्टर्न थिएटर और जम्मू-कश्मीर में संभाली थी. वह एलओसी की बेहद ही अहम उरी ब्रिगेड और कश्मीर घाटी की चिनार कोर (15वीं कोर) की कमान भी संभाल चुके हैं. 

शांति सेना में भी दे चुके हैं अपनी सेवाएं!

अपने 38 साल के करियर में लेफ्टिनेंट राजू ने भूटान स्थित इंडियन मिलिट्री ट्रेनिंग टीम के कमांडेंट और सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे एक हेलीकॉप्टर पायलट भी हैं और इस वक्त जाट रेजीमेंट के कर्नल-कमांडेंट भी हैं. उन्होंने इंग्लैंड के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टीडीज से एनडीसी और अमेरिका के नेवल पोस्ट ग्रेजुएट स्कूल से काउंटर टेरेरिज्म का कोर्स भी कर रखा है.