डाॅ. योगानंद झा की अध्यक्षता में मिथिला लेखक मंच की पहल
#MNN24X7 मदारपुर, दरभंगा महाकवि विद्यापति स्मृति पर्व के अवसर पर मिथिला लेखक मंच द्वारा मदारपुर स्थित चन्द्रेशजी के आवास पर संगोष्ठी एवं गोसौनिक गीत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादमी से सम्मानित डाॅ. योगानंद झा ने की। इस अवसर पर महाकवि विद्यापति की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम के ऑनलाइन सत्र में प्रो. उदय शंकर मिश्र ने कहा कि आने वाले चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों को ही समर्थन दिया जाना चाहिए,जिन्होंने मैथिली भाषा के प्रचार-प्रसार, विद्यालयों में पढ़ाई, और विधानमंडल में मैथिली को राजभाषा का दर्जा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मिथिला की उद्योग-धंधे जैसे चीनी मिल, जुट मिल और कपड़ा मिल बंद पड़े हैं, खेती-बाड़ी चौपट हो चुकी है—ऐसी स्थिति के लिए जिम्मेदार सत्ताधारी दल को उखाड़ फेंकना आवश्यक है।
इस अवसर पर उपस्थित चंद्रेश ने कहा कि मिथिला के विकास विरोधियों को सत्ताच्युत करना और मैथिली समर्थकों को विजयी बनाना समय की मांग है।
सुबेदार नन्द किशोर साहू ने मजदूर पलायन की समस्या पर चिंता जताते हुए कहा कि “भुख के कारण मिथिला का मजदूर रोज पलायन कर रहा है। जरूरत है कि यहां रोजगार सृजन हो और जो ऐसा करने का वादा करे, उसे ही वोट दिया जाए।”
डाॅ. योगानंद झा ने कहा कि “मैथिली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता नहीं मिल पाना सत्ता की अकर्मण्यता का प्रतीक है। अब ऐसी सत्ता को बदलना जरूरी है।”
वहीं डाॅ. राजकिशोर झा ने कहा कि पलायन की वजह से मिथिला की दो-तिहाई आबादी बाहर है। “यहां की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे नीचे है, इसलिए जो खुशहाली लाए, उसे सत्ता में लाना चाहिए,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम के अंत में डाॅ. शंभुकांत झा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि विद्यापति न केवल मैथिली बल्कि संस्कृत के भी श्रेष्ठ रचनाकार थे। उन्होंने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।
— संवाददाता, मिथिला न्यूज नेटवर्क
