कहा- मीडिया ट्रायल से करें परहेज, प्रेस की स्वतंत्रता जरूरी
संस्कृत विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
#MNN24X7 दरभंगा, राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था की मजबूती व निरपेक्षता के लिए प्रेस की स्वतंत्रता बेहद जरूरी है। सत्य, संतुलन और शुचिता पत्रकारिता की आत्मा है और इसे जीवंत रखते हुए सच में पत्रकारों को हर समय तलवार की धार पर चलना पड़ता है। यह कार्य कठिन है लेकिन अपने यहां प्रमाणिकता पत्रकारिता का मूल धर्म रहा है।
उन्होंने कहा कि मुद्दे विशेष पर पक्ष विपक्ष होता है, आगे भी होगा लेकिन मीडिया ट्रायल से बचना चाहिए। अन्यथा कई मामलों में हकीकत से भिन्न अवधारणाएं पनपने की गुंजाइश विकसित हो जाती है। इसी तरह जाति, धर्म व खासकर देश हित के मुद्दे पर प्रेस को समाज के समक्ष नरेटिव गढ़ने की प्रवृति से भी बचना होगा। उन्होंने कहा कि जागरूकता जरूरी है लेकिन आतुरता से नहीं। विवेकपूर्ण विचारों के साथ सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रेस को अपनी भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी खबर व सूचना को प्रसारण करने से पूर्व पत्रकारों को मानवता हित को सर्वोपरि रखना होगा। कुलपति ने ‘वंदे मातरम्’ के ऐतिहासिक प्रसार का भावपूर्ण उल्लेख करते हुए बताया कि पत्रकारिता ने किस प्रकार इस वाक्य को जन-जन की क्रांति का सूत्र बनाया। मौके पर धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो0 दिलीप कुमार झा ने कहा कि स्वतंत्र देश मे स्वतंत्र प्रेस व पत्रकारिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि चौथा स्तम्भ मजबूत होगा तो प्रजातंत्र मजबूत होगा। प्रो. दिलीप झा ने छात्रों को भाषा-ज्ञान के लिए प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ने की सलाह दी।
वहीं,अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो0 पुरेंद्र बारिक ने कहा कि सकारात्मक समाचारों को जन-जन तक पहुँचाना पत्रकारिता की मूल सार्थकता है। ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा ने पत्रकारिता की परिभाषा एवं इसकी सामाजिक भूमिका पर विचार व्यक्त किए। वहीं इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पीआरओ निशिकांत को सम्मानित किया गया। उन्होंने प्रेस दिवस की महत्ता पर विस्तार से बताया। समारोह का शुभारंभ पद्मनाभ और विश्वमोहन द्वारा वैदिक मंगलाचरण से हुआ तथा लौकिक मंगलाचरण छात्रा रचना ने प्रस्तुत किया।
छात्र सावन ने एनएसएस का गीत भी प्रस्तुत किया। साहित्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ. रितेश कुमार चतुर्वेदी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किए गए। पूरे कार्यक्रम का संयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार एवं स्नातकोत्तर इकाई की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. साधना शर्मा द्वारा किया गया। संचालन भी डॉ. साधना शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में डॉ. एल. सविता आर्या, डॉ. यदुवीर स्वरूप शास्त्री, डॉ. वरुण कुमार झा, डॉ.राम निहोरा रोय, डा. अवधेश कुमार श्रोत्रिय, डा संतोष कुमार तिवारी, डा संतोष कुमार पासवान, डा. माया सहित अनेक शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।
