संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में पहली बार
वैदिक विद्वानों का लगेगा जमघट

देश स्तर के पांच दर्जन से अधिक मर्मज्ञ रखेंगे अपने विचार ,खूब होगा मंथन

#MNN24X7 दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में पहली बार देश स्तर के वैदिक विद्वानों का कल से जमघट लगने वाला है। यहां 11 से 13 दिसम्बर तक अखिल भारतीय राष्ट्रीय वैदिक संगोष्ठी आयोजित होगी जिसमें वेद-दर्शन के करीब पांच दर्जन से अधिक नामी-गिरामी मर्मज्ञ अपने विचारों को रखेंगे।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग एवं महर्षि सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जयिनी के संयुक्त तत्त्वावधान त्रिदिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गयी है। मुख्यालय के दरबार हाल में कुल नौ सत्रों में सम्पादित होने वाले इस कार्यक्रम में वैदिक मंत्रों का दार्शनिक सिद्धान्तों पर आधारित विश्लेषण होगा। इस संगोष्ठी का प्रधान विषय काफी व्यापक रखा गया है जिसमें संस्कृत वाङ्मय की विविध शाखाएं व्याकरण , साहित्य, ज्योतिष ,धर्मशास्त्र एवं पुराण ,आगम इत्यादि समाहित रहेगा।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गठित परामर्शदातृ समिति के सदस्यों में शामिल धर्म शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा, प्रो. दयनाथ झा, प्रो. पुरेंद्र बारिक, डॉ कुणाल कुमार झा एवं डॉ ध्रुव मिश्र पूरे मनोयोग से तैयारी में जुटे हुए हैं। आगन्तुक विद्वानों में कई विश्व विश्रुत कुलपति भी शामिल होंगे। इस संगोष्ठी के संयोजक स्नातकोत्तर दर्शन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धीरज कुमार पाण्डेय हैं जबकि स्नातकोत्तर साहित्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ सुधीर कुमार सह-संयोजक बनाये गए हैं।

बता दें कि कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पाण्डेय की अध्यक्षता में इस संगोष्ठी का उद्घाटन गुरुवार 11 दिसम्बर को पूर्वाह्न 10.30 बजे दरबार हॉल में किया जाएगा। संगोष्ठी के परिकल्पक विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.ब्रजेशपति त्रिपाठी तथा समन्वयक दर्शन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ शम्भु शरण तिवारी हैं। इस संगोष्ठी में संपूर्ण भारतवर्ष से अनेक प्रतिभागी भी भाग लेंगे जो विद्वानों के समक्ष अपना पत्र वाचन करेंगे जिसे बाद में महर्षि सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान को प्रकाशन हेतु भेजा जाएगा ।