#MNN24X7 दरभंगा, मैथिली के यशस्वी रचनाकार भवेशचन्द्र मिश्र ‘शिंवासुं’ के निधन पर आयोजित शोक सभा के अवसर पर प्रोफेसर उदय शंकर मिश्र ने बिहार सरकार की नीतियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा मैथिली अकादमी पर ताला लटका दिया गया है, जो मैथिली भाषा और साहित्य के साथ अन्याय है।

प्रो. मिश्र ने बताया कि मैथिली अकादमी को पुनः चालू कराने, बीपीएससी परीक्षा में मैथिली विषय को पुनः शामिल कराने तथा स्कूली शिक्षा एवं राजभाषा में मैथिली को विधिवत मान्यता दिलाने की मांग को लेकर आगामी 7 जनवरी 2026 को मधुबनी के समाहर्ता के समक्ष ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद 8 जनवरी 2026 को संबंधित विभागों को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा।

उन्होंने मैथिली समाज से इस आंदोलन को व्यापक समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि जब तक भाषा को उसका संवैधानिक और व्यावहारिक अधिकार नहीं मिलेगा, तब तक मिथिला की सांस्कृतिक अस्मिता अधूरी रहेगी। शोक सभा में उपस्थित साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने इन मांगों का समर्थन करते हुए एकजुट होकर संघर्ष का संकल्प लिया।