•आशा, आंगनबाड़ी प्रतिदिन 25 घरों का करेगी सर्वे, सर्दी खांसी व टीबी के लक्षण वाले मरीजों को करेगी चिह्नित
•हर 15 दिनों पर की जा रही समीक्षात्मक बैठक
•हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ही होगी स्पुटम जांच की व्यवस्था
•सीफार के सहयोग से टॉक शो का हुआ आयोजन

मधुबनी, 30 मई । जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार पहल की जा रही तथा नई-नई तकनीकों को जोड़ा जा रहा है। साथ ही सामुदायिक स्तर पर विशेष पहल कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अब स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल करते हुए समय सीमा के अंतर्गत कोईलख गांव को गोद लिया है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा 3 माह के अंदर उक्त गांव को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। जिसमें 2 माह बीतने के बाद यह गांव टीबी उन्मूलन के लिए बिहार का पहला गांव बनने जा रहा है। जहां टीबी के एक भी संक्रमित मरीज नहीं होंगे। कार्यक्रम की सफलता के लिए सीफार ( सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च ) के सहयोग से टॉक शो का आयोजन एपीएचसी सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कोईलख में किया गया।

जिसमें सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया टीबी उन्मूलन के लिए जन आंदोलन की जरूरत है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आम लोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने बताया इस अभियान में आशा, आंगनबाड़ी सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों की अहम भूमिका होगी। आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हाउस टू हाउस सर्वे किया जा रहा है। साथ ही प्रतिदिन टीम बनाकर 25 घरों का जिसमें सर्दी खांसी तथा टीबी के लक्षण से संक्रमित लोगों का स्पूटम संग्रह करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने बताया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कोईलख पर स्पूटम जांच की व्यवस्था की गई है। संक्रमित पाए जाने पर केंद्र पर ही दवा की उपलब्धता है। साथ ही मरीजों में संक्रमण की पुष्टि होने पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि भी दिये जाने का प्रावधान है। वहीं लैब टेक्नीशियन इस्माहतुल्लाह उर्फ़ गुलाब के द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। जिसमें प्रतिदिन होने वाली गतिविधियों को शामिल किया जाता तथा लोगों को जागरूक किया किया जाता है। इस अभियान का प्रत्येक 15 दिनों पर सामुदायिक बैठक कर कार्य प्रगति की समीक्षा की जा रही है।

लैब टेक्नीशियन इस्माहतुल्लाह उर्फ गुलाब ने बताया समुदाय स्तर पर टीबी से संबंधित डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखा कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। अभियान में पीआरआई सदस्यों को भी सम्मिलित किया गया है। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ जीएम ठाकुर ने बताया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीबी रोगियों की सुविधा के लिए गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के साथ-साथ समाज के लोगों के बीच टीबी को लेकर मनोवैज्ञानिक ,सामाजिक स्पोर्ट भी उपलब्ध करायी जा रही है। टीबी जागरूकता की विभिन्न गतिविधियां कराई जा रही हैं। बताया कि, इन गतिविधियों की मॉनिटरिंग जिला और राज्य स्तर पर की जा रही है।

इस दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) पर बड़ी जिम्मेवारी है कि, वो घर के दरवाजे से बाहर आ रहे लोगों को बेहतर ढंग से टीबी की जांच और इलाज के साथ-साथ इससे बचने के लिए लोगों को टीबी के लक्षण और सावधानियों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक करें।

जन-जन तक टीबी उन्मूलन का संदेश पहुँचना आवश्यक-
एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने बताया सरकार 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए जनमानस में व्यापक तौर पर इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लक्षण नजर आने के बावजूद अधिकांश लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते हैं कि उनको टीबी हो सकती है। ऐसे में उनकी भूमिका काफी अहम हो जाती जो टीबी से ग्रसित होने के बाद पूणर्तः ठीक हो चुके हैं। टीबी से अपनी लड़ाई के बारे में लोगों को बताकर टीबी चैंपियंस की भूमिका निभा सकते हैं। टीबी पर प्रभावी नियंत्रण हो पाये इसके लिए बहुत जरूरी है कि लोग इस रोग के बारे में पूरी तरह से जानें एवं इससे बचने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें जो सरकार द्वारा मुफ्त में प्रदान की जाती ,का लाभ उठायें। समेकित रूप से लोगों को टीबी के बारे में जानकारी मिल सके, इसके लिए जिले में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

बताया टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है। टीबी रोगियों को सरकार द्वारा निःशुल्क दवा दी जाती है। साथ ही सरकार द्वारा प्रतिमाह 500 रुपैया टीबी रोगियों को दिया जाता है । जन-जन तक टीबी मुक्ति के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन से लोगों तक इसके बारे में जानकारी पहुँचेगी। लोग इसके समाधान के बारे में समझ पायेंगे तभी देश सहित प्रदेश भी टीबी मुक्त हो सकेगा।

मौके पर डॉ. निरंजन जायसवाल,डॉ डीके राय, डॉ राम रूप, डॉ संजीव कुमार, भास्कर झा, एसटीएलएस अमीरुद्दीन, लैब टेक्नीशियन इस्माहतुल्लाह उर्फ गुलाब, केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी, सीफार के डिविजनल कोऑर्डिनेटर अमन कुमार, सीफार के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर अमित कुमार विपुल आदि उपस्थित थे।