-तम्बाकू सेवन रोकने के लिए सरकार द्वारा बनाया गया है कानून
दरभंगा, 31 मई। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर मंगलवार को जिलास्तर व प्रखंडस्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके तहत सभी पीएचसी पर लोगों को तंबाकू से होने वाले शारीरिक नुकसान के बारे में जानकारी दी गयी। महानिदेशक सह महासमादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएं पटना के निर्देशानुसार बिहार गृह रक्षा वाहिनी कार्यालय परिसर कादिराबाद में जिला स्वास्थ्य समिति, होमी भाभा जहांगीर कैंसर अनुसंधान केन्द्र मुजफ्फरपुर की ओर से स्वास्थ्य शिविर सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मौके पर डीआईओ डॉ एके मिश्रा ने कहा कि किसी भी तरह का तंबाकू उत्पाद स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हितकर नहीं है। एक तरफ यही व्यक्ति में असाध्य रोगों को जन्म देता है । दूसरी ओर इससे निकलने वाला कचरा वातावरण को दूषित करता है.। तम्बाकू के सेवन के प्रति रुचि आजकल न सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों में बढती जा रही है। तम्बाकू सेवन बहुत से गंभीर बीमारियों की जड़ है। इसलिए इसको रोकने और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 31 मई को पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
कहा कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की शुरुआत डब्ल्यूएचओ द्वारा 1987 में की गयी थी। इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है। इसके तहत गृहरक्षकों एवं आमजनों का की चिकित्सीय जांच की गयी। गृहरक्षकों ने नशामुक्ति को लेकर शपथ भी दिलायी गयी। इस अवसर पर करीब 500 गृहरक्षकों एवं इनके परिवारों की चिकित्सीय जांच की गई।
वहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने भी तंबाकू उत्पादों को न लेने की शपथ ली। मौके पर जिला समादेष्टा- सह- जिला अग्निशाम पदाधिकारी मनोज कुमार नट, डीआईओ डॉ एके मिश्रा, नशा मुक्ति केन्द्र के डॉ संजन सैन, परामर्शी मनोज कुमार चौधरी, साईकोलॉजिस्ट कंचन सोनी, इन्द्रजीत कुमार, नोडल पदाधिकारी अर्वन डॉ० अनिल कुमार एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के डॉ ग्रीष्मा, डॉ गुलनार अख्तर, सरिता राजभर एवं गौतम कुमार मौजूद थे।
तंबाकू के कारण बिहार में हर साल बढ़ रहा 5844.63 टन प्लास्टिक अपशिष्ट कचरा :
सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने बताया कि तंबाकू उत्पाद पदार्थ सिर्फ हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है। सिगरेट, गुटका समेत तमाम तंबाकू खाद्य पदार्थ प्लास्टिक में पैक होते हैं, जिसे रिसाइकल नहीं किया जा सकता है। पर्यावरण पर हर रोज हजारों टन तंबाकू उत्पाद प्लास्टिक अपशिष्ट कचरा पर्यावरण पर बोझ बढ़ता जा रहा है।
बिहार में हर साल सिगरेट से 35.02 टन, बीड़ी से 310.04 टन, धुआं रहित तंबाकू से 5492. 07 टन समेत अन्य तंबाकू से कुल 5844.63 टन प्लास्टिक अपशिष्ट कचरा का बोझ बढ़ रहा है। इस बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2022 का थीम भी ‘तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा’ रखा गया है।