दरभंगा में डीएमसीएच मिथिला क्षेत्र के शान के रूप में प्रसिद्ध है।साथ ही भारत के अलावे पड़ोसी देश नेपाल के नागरिकों के लिए भी वरदान है।मगर आज यह अपनी दुर्दशा पर आठ आठ ऑसू रो रहा है।

अस्पताल की स्थिति है कि कभी मशीन खराव, तो कभी टेक्निशियन खर्राटा भरता रहता है। और मरीज जीवन और मौत के बीच जूझने को मजबूर बन भगवान को याद करता रहता है।

स्थिति यह है कि माननीय स्वास्थ मंत्री #mangalpanday जी बस अपने दल के ऐजेन्डे के प्रति ही समर्पित हैं। लगता है कि बिहार सरकार के स्वास्थ मंत्रालय का दायित्व निर्वह्न उनकी प्राथमिकता नहीं है।

विगत गुरूवार को रात के दो बजे भोला यादव नाम के मरीज को एक्सरे करवाने भेजा गया वह रात भर चिल्लाता रहा, टेक्निशियन अंदर से बंद कर खर्राटा भरता रहा। हार कर मरीज ने शिकायत अस्पताल अधीक्षक डा. हरिशंकर मिश्र से की और डा. मिश्र के सहयोग से सुरक्षा सुपरवाइजर प्रमोद पाठक की मदद से भोला यादव का एक्सरे हो पाया।

इस घटना की शिकायत रेडियोलोजी विभाग के अध्यक्ष को भी दी गई है। समाचार लिखे जाने तक इस मामले पर अब तक अग्रतर क्या कार्रवाई हुई का पता नहीं चला है।

बिहार के माननीय मुख्यमंत्री #nitishkumarcmbihar एवं माननीय स्वास्थ मंत्री #MangalPandey से अनुरोध करूंगा कि समस्या पर संज्ञान लें और दोषी टेक्नीशियन अजय चंद्र झा पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।

हर सरकार के लिए सड़क, शिक्षा, स्वास्थ प्राथमिकता होती है।

आशीष राज की रिपोर्ट।