दरभंगा। डीएमसीएच नर्सिंग हॉस्टल की बदहाली से परेशान छात्राओं ने अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया। हाथ में नारे लिखे पोस्टर को थामे नर्सिग जीएनएम छात्रों ने अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
छात्राओं ने बताया कि वर्षों से हमलोगों गंदे बदबूदार पानी भरे परिसर में रहते हैं।छत का प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है। साथ ही जहरीले साँप भी निकलते ही रहते हैं। इन समस्याओं से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाती छात्राओं ने अधीक्षक श्री मिश्रा को बतलाया कि जिस मेस रूम में क्लास रूम चलता है। वहाँ पानी जमा रहता है और छात्राएं इसी पानी में कुर्सी पर बैठकर पढ़ाई करती है।
डीएमसीएच नर्सिंग स्कूल की छात्राओं ने लिखित रूप से भी आवेदन दिया है। जिसके जबाब में अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि दो दिनों के भीतर परिसर से जलजमाव की स्थिति को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके लिए नाले को साफ करवाया जा रहा है जिससे कि पानी की निकासी तेज गति से हो।
ज्ञात हो कि वर्ष 1952 में स्थापित डीएमसीएच नर्सिंग स्कूल की वर्तमान दशा बदहाल है। यही कारण है कि कभी ग्रेट नर्सिंग स्कूल कहलाने वाले संस्थान की छात्राएँ बेहतर व्यवस्था के लिए आवाज बुलंद कर रही हैं। जिस जर्जर हॉस्टल में छात्राएँ रहती हैं। उसी के ग्राउंड फ्लोर में दो पानी भरे कमरे में इनकी पढ़ाई भी होती हैं। बाथरूम वगैरह में भी पानी भरा रहता है। पानी में बिछे ईट पर चलकर आवागमन करना यहाँ की छात्राओं की नियति बनी हुई है।
बताया जाता है कि अब शहरी क्षेत्रों के कई मुहल्लों का पानी डीएमसीएच परिसर होकर बहता है। जिससे यहाँ का नाला ओवरफ्लो हो जाता है। यह नाला नर्सिंग हॉस्टल के बगल से गुजरता है। बगल में ही सर्जिकल भवन का भी निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण एजेंसी का पानी भी हॉस्टल परिसर में गिरता है। इस समस्या के कारण इमरजेंसी चौराहे से अधीक्षक कार्यालय की ओर जानेवाली सड़क पर भी पानी जमा रहता है। आखिर इस समस्या का निराकरण कब तक होगा यही देखना है ।