दरभंगा। आइ गंगा दशहराऽक पावन पर्व पर भक्त सब विभिन्न घाट पर आस्थाक डुबकी लगा रहल छथि। बिहार क अलावा उत्तर प्रदेश-झारखंड मे सेहो श्रद्धालु गण गंगा सहित आन-आन नदी मे स्नान कऽ दान आ पुण्य सेहो कऽ रहल छथि। धार्मिक मान्यता के अनुसार आजुके दिन राजा भगीरथ अपन पूर्वज के तृप्त करबाक लेल मां गंगा के स्वर्ग स पृथ्वी पर अनने छलाह। ओ समय छल आ आजुक दिन, देखू जे मां गंगा केना भारत के जीवन रेखा बनल छथि।

बुझू गंगा दशहरा केऽ महत्व

आउ आजुक दिन अपना सभ चर्चा करी जे गंगा दशहरा के की महत्व अछि। धार्मिक मान्यता कऽ अनुसारे हिन्दू धर्म मे गंगा दशहरा के विशेष महत्व देल गेल अछि। पुराण सं ज्ञात कथा क अनुसारे माँ गंगा ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि के पृथ्वी पर आबि गेल छलीह। आजुके दिन माँ गंगा के स्वर्ग सं पृथ्वी पर अवतरण गेल छल ताहि कारणें गंगा दशहराक दिन गंगा मे स्नान करबा सं सभ पाप धोआ जाइत अछि।

*कोना करि गंगा दशहरा पूजा*

गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करबाक परंपरा अछि, एहि दिन समस्त श्रद्घालु गण मां गंगा में डुबकी लगाबैत छथि, मुदा जिनका गंगा स्नान कर नहि गेल होइत छनि ओहो अगर चाहथि त अपन नजदीक के कोनो आन नदी या पोखरि में सेहो स्नान क सकैत छी। कहबी छै नऽ मन चंगा तऽ कठौती में गंगा। मुदा स्नान करैत समय एहि मंत्रऽक जाप क सकी तखन अवश्ये करी’गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधु कवेरी जले असमीं सन्निधिम कुरु’।

संगहि हम ईहो कहब जे अगर एहि दिन गंगा या कोनो आन नदी, पोखरि मे स्नान करबाक कोनो मौका अगर नहि अछि तखन घरेऽ मे स्नानऽक जल मे गंगाजल मिला केऽ स्नान कऽ सकैत छी।
जय गंगा महारानी की💐🙏