• नियमित योग कर अवसाद और तनाव रखें दूर, शारीरिक रूप से रहें स्वस्थ
•टीबी के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में मदद करता है योग
•अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिए थीम ‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ रखा गया है

मधुबनी /21 जून। हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। दुनिया के तमाम देश योग के महत्व को समझते हुए योग दिवस को मनाते हैं। मंगलवार को दुनियाभर में आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. मंत्रालय के द्वारा इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिए थीम ‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ रखा गया है. योग का अभ्यास शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद है। योग शरीर को रोगमुक्त रखता और मन को शांति भी देता है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो अब विदेशों में भी फैल गया है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्यक्रम पर भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया. सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि जिले के समस्त प्रखंडों के अंतर्गत संचालित हेल्थ वैलनेस सेंटर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन कर विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का संचालन कर योग के महत्व के बारे में आमजन को बताया गया। साथ ही सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर योग सत्रों का आयोजन किया गया.

टीबी के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में मदद करता है योग:

संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर जी.एम. ठाकुर ने बताया योग टीबी के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में मदद करता है.योग की प्रमुख क्रियाओं में सूर्य नमस्कार, प्राणायम, मंडूकासन, शशकासन, ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, उष्ट्रासन, योगमुद्रासन, गोमुखासन, भुजंगासन, पादहस्तासन, पवनमुक्तासन, मर्कटासन, वक्रासन, कटिचक्रासन, भुजंगासन आदि मुख्य रूप से शामिल किये गये हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने गये हैं.

शारीरिक व मानसिक अवसाद दूर करने में योग सहायक :

डीपीसी पंकज कुमार ने बताया स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि योग से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से व्यक्ति स्वस्थ्य रहता है. कोविड काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ा है. नियमित रूप से योग अपना कर अवसाद और तनाव को भी दूर किया जा सकता है.

योग से बढ़ता है रक्तसंचार व फेफड़ों को मिलता है ताकत:

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ दयाशंकर निधि ने बताया योग की कई प्रक्रियाएं फेफड़ों को रक्तसंचार को बढ़ाती हैं. प्राणायाम श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एक विशेष योगाभ्यास है. श्वसन क्रिया के दौरान गहरी सांस लेते हुए वायु को भीतर खींचते हैं. सांस को अधिक से अधिक समय तक रोके रखते हैं और अंत में धीरे धीरे सांस छोड़ते हैं. इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होता है. टीबी सहित श्वसन संबंधी रोग को दूर करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास है. इसके अलावा अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी फेफड़ों को मजबूत रखता है. योगा के लिए शांत और साफ जगह के चयन का ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा कई अन्य योग प्रक्रियाएं की जानी चाहिए.