मछली पकड़ने के बहाने मासूम को तालाब पर साथ ले जाकर रामकिशोर ने वारदात को दिया था अंजाम,अपने गुनाहों को छिपाने के लिए दोषी रामकिशोर ने बनाये थे सटीक बहाने,पर कोर्ट में नहीं टिकी झूठी बात और सच आया सामने।

जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने सुनाया फैसला,कोर्ट की सक्रियता के चलते घटना की तारीख से एक वर्ष के भीतर ही मामले का ट्रायल हुआ पूरा,दोषी को मिली करनी की सजा।

#MNN@24X7 सुलतानपुर, मछली पकड़ने के बहाने सात वर्षीय मासूम को तालाब पर साथ ले जाकर हवस का शिकार बनाने के दोषी रामकिशोर को जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

मामला दोस्तपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है।जहां के रहने वाले अभियोगी ने आठ जुलाई 2022 की घटना बताते हुए इसी क्षेत्र के रहने वाले आरोपी रामकिशोर के खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया।आरोप के मुताबिक घटना के दिन अभियोगी अपनी पत्नी को साथ लेकर इलाज के सिलसिले में पड़ोस के जिला अम्बेडकर नगर गया था,इसी दौरान आरोपी रामकिशोर अभियोगी की मासूम बेटी को अकेला देखकर उसे बहलाकर मछली पकड़ने के बहाने अपने साथ लेकर चला गया और वहां अकेला पाकर उसे हवस का शिकार बना डाला। आरोपी के जरिए इस घटना को अंजाम देने के बाद मासूम पीड़िता लस्त होकर घटनास्थल पर ही पड़ी रही।

देर शाम तक पीड़िता के घर न पहुंचने पर वापस आए परिजनों ने खोजबीन शुरू की तो उसके भाई को पीड़िता तालाब के पास लस्त हालत में पड़ी मिली। हवस का शिकार हुई पीड़िता के प्राइवेट पार्ट से खून निकल रहा था,जिस पर पीड़िता के परिजनों ने पूंछा तो आरोपी रामकिशोर ने अपने बचाव में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर जोंक लगने व उसे निकालने की वजह से खून बहने समेत अन्य बहाना बताया। मामले की पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जिसके बाद हालत थोड़ा सामान्य होने पर पीड़िता ने परिजनों के पूछने पर आरोपी राम किशोर की करतूत बयां की। जिसके बाद सच सामने आने पर मामले में अभियोगी की तहरीर पर घटना के चार दिन बाद आरोपी रामकिशोर के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई।

मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चला। विचारण के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को रखते हुए आरोपी को बेकसूर साबित करने का भरसक प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रमेशचन्द्र सिंह ने अपने साक्ष्यों व तर्को को प्रस्तुत करते हुए रामकिशोर को उसके इस घिनौने कृत्य पर दोषी ठहरा कर उसे कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी रामकिशोर को दोषी करार देते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

(सौ स्वराज सवेरा)