•सदर अस्पताल में 6 बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में 4 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 2 बेड डेंगू वार्ड का सुरक्षित रखने का निर्देश।

•साफ स्थिर पानी में पनपते हैं एडीज के मच्छर।

•दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी।

#MNN@24X7 मधुबनी, 3 जुलाई,बरसात प्रारंभ होने के साथ ही डेंगू एवं चिकनगुनिया के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है इसको लेकर स्वास्थ विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गया है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने बताया डेंगू चिकनगुनिया से निपटने के लिए सदर अस्पताल में 6 बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में 4 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 2 बेड डेंगू वार्ड का सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है सभी बेड पर मच्छरदानी युक्त रखने का निर्देश दिया गया है साथ ही संबंधित मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सभी अस्पतालों में हमेशा उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है।डेंगू के मरीज के पुष्टि होने पर मरीज के निवास स्थान के 500 मीटर के रेडियस में टेक्निकल मलाथिऑन से जिला मलेरिया कार्यालय के द्वारा फागिंग कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा एक्टिव सर्विलांस कराने का निर्देश दिया गया है ताकि नए मरीजों की खोज की जा सके।

स्वास्थ्य विभाग जुलाई माह को एंटी डेंगू माह के रूप में मना रहा है:

वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन न बताया स्वास्थ विभाग जुलाई माह को एंटी डेंगू माह के रूप में मना रहा है। जिसमें डेंगू से बचाव लिए सतर्कता सहित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जन समुदाय को उचित योजना के तहत डेंगू की रोकथाम एवं गतिविधि में जन समुदाय की सहभागिता की जाएगी। मच्छर प्रजनन स्थलों को चिह्नित कर तथा मच्छर प्रजनन रोकने के उपाय के बारे में आम जनता को जागरूक किया जाएगा। पानी की टंकी तथा घरों के अंदर साफ पानी जमा करने के बर्तनों को ढककर रखने, दिन में मच्छरों के काटने से बचाव को लेकर व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय को अपनाने, विद्यालय में डेंगू पर आधारित कुछ विशेष गतिविधि जैसे क्यूज, ड्रॉइंग कंप्टीशन इत्यादि गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने बताया कि एडीज  मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता  और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सदर अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें।

दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी :

डॉ झा ने बताया कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।