डा ए के गुप्ता के नेतृत्व में 12 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने 200 से अधिक व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दिया उचित परामर्श।
संतुलित, पौष्टिक एवं स्वास्थ्यकर भोजन ग्रहण करना तथा योग, प्राणायाम व व्यायाम को अपनाना है स्वस्थ रहने का मूल मंत्र- डा गुप्ता।
#MNN@24X7 दरभंगा यूनेस्को क्लब के तत्वावधान में स्थानीय ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल, रुहेलागंज, कादिराबाद में बृहत शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें दरभंगा के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा ए के गुप्ता के नेतृत्व में फिजीशियन, दांत, हड्डी, चर्म, आंख, शिशु एवं स्त्री आदि रोगों के विशेषज्ञ डा आर बी खेतान, डा मेघा अग्रवाल, डा मनीष महावीर, डा रंजीत प्रसाद, डा शीला साहू, डा शेष जयसवाल, डॉ शंभू नाथ महथा, डा नवलेश बच्चन, डा पुनीत कुमार, डा नूतन वाला, डा ए एन जयसवाल, डा ओम प्रकाश व डा जगत नायक आदि शामिल हैं।
आयोजकों एवं डॉक्टरों ने दीप प्रज्वलित कर शिविर का उद्घाटन किया, जबकि अतिथियों का स्वागत फूल- माला से किया गया। शिविर के उद्घाटन सत्र में 12 डॉक्टरों के साथ ही क्लब के अध्यक्ष रतन कुमार खेरिया, महासचिव अमरनाथ साह, कोषाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया, पूर्व अध्यक्ष मनोरंजन अग्रवाल, संस्थापक अध्यक्ष विनोद कुमार पंसारी, प्रो मधु रंजन प्रसाद, प्रो विनोद कुमार, राघवेन्द्र कुमार झा, एस एच अली, आलोक सिंह के साथ ही डा अंजू कुमारी, अंशु कुमारी, मिक्की कुमारी, निक्की कुमारी, सुधीर कुमार, मीना झा, आशा कर्ण, प्रणव नारायण, रश्मि कुमारी, दीप शंकर, अपूर्वा, प्रशांत गौतम, राखी झा, हर्षित राज एवं बालकृष्ण कुमार सिंह सहित विद्यालय के छात्र- छात्राएं एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।
अपने संबोधन में शिविर के संयोजक डा ए के गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य का मतलब शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक रूप से होता है। संतुलित, पौष्टिक एवं स्वास्थ्यकर भोजन ग्रहण करना तथा योग, प्राणायाम व व्यायाम को जीवन में अपनाना स्वस्थ रहने का मूल मंत्र है। बाहरी खुला खाना, जंक फूड व फास्ट फूड स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं।
उन्होंने कहा कि साग- सब्जी, फल- फूल, अंकुरित अनाज व पनीर आदि युक्त ताजा भोजन स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है। भोजन में कम मीठा व कम नमक का प्रयोग करने तथा बच्चों को चॉकलेट का कम प्रयोग करना आवश्यक है। दांत की सुरक्षा हेतु भोजन के बाद रात में दांत की सफाई बहुत जरूरी है। भोजन के पहले अच्छी तरह हाथों को धोना, सप्ताह में एक बार नाखून काटना, धीरे- धीरे खाना तथा बीच में पानी न पीना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। डा गुप्ता ने भोजन के काफी देर बाद ही पानी पीने, योग, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार तथा व्यायाम आदि को जीवन में शामिल करने की सलाह दी।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डा आर बी खेतान ने आउटडोर गेम्स खेलने, मॉर्निंग वॉक करने तथा हर मौसम में प्रतिदिन नहाने का सुझाव दिया। हड्डी की मजबूती के लिए कैल्शियम युक्त भोजन तथा सूर्य प्रकाश के सेवन की सलाह दी। चर्म रोग विशेषज्ञ डा मेघा अग्रवाल ने कहा कि अक्सर हम अपनी त्वचा पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं, जिससे कई चर्म रोग हो जाते हैं जो दूसरों को भी संक्रमित कर देते हैं।
उन्होंने ज्यादा गोरा होने के लिए एस्ट्राइड बेस्ड क्रीम की वजह से उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमें बाल, नाखून तथा चर्म की विशेष देखभाल करनी चाहिए।
नेत्र चिकित्सक डा मनीष महावीर ने पढ़ने वाले बच्चों में उत्पन्न आंख की समस्याओं की चर्चा करते हुए कहा कि ज्यादा देर तक मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी देखने से बच्चों में भी आंखों की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आंखों की समस्या उत्पन्न होने पर शीघ्र डॉक्टर की सलाह लेने का सुझाव देते हुए कहा कि सिर्फ स्वच्छ पानी से ही खुली आंखों में छिंटा ले। अन्यथा गंदे पानी से आंखों में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डा ओम प्रकाश ने कहा कि मन पूरे शरीर को नियंत्रित करता है, जिसपर नियंत्रण आवश्यक है। मोबाइल का कम उपयोग करना अच्छा है, पर ज्यादा उपयोग करने से वह शत्रु सदृश हो जाता है। स्वस्थ रहने के लिए नियमित दिनचर्या एवं तनाव मुक्त जीवन आवश्यक है। लक्ष्य पूर्ति के लिए सीमित तनाव जरूरी है, पर यदि वह हावी हो जाए तो स्वास्थ्य खराब कर देता है। डा शंभूनाथ महथा ने यूनेस्को की स्थापना के उद्देश्यों तथा उसके कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि समय- समय पर स्वास्थ्य की जांच कराना आवश्यक है। स्वस्थ रहने के लिए हमें कंद- मूल, फल- सब्जी तथा दूध- दाल का अधिक सेवन करना चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल के बच्चों का मैं हमेशा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच कर अपनी ओर से दवा भी दूंगा।
डॉ जगत नायक ने कहा कि आज पश्चिमी देश भी भारतीय आध्यात्मिकता को मान रहे हैं कि इसके बिना स्थाई सुख एवं पूर्ण स्वास्थ्य संभव नहीं है। कोरोना ने कई बीमारियों को जन्म दिया है। बीमारियों से पूर्व बचाव, डायग्नोसिस, इलाज तथा सुरक्षा- जागरूकता आवश्यक है। स्वच्छ खानपान, अधिक शारीरिक श्रम तथा प्राकृतिक जीवन अपनाकर हम हाई बीपी, डायबिटीज, मोटापा तथा दिल की बीमारी आदि से बच सकते हैं।
क्लब के अध्यक्ष रतन कुमार खेरिया ने कहा कि स्वास्थ्य ही धन है। स्वस्थ रहकर ही बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के कैंप आयोजित करने की घोषणा की।
क्लब के पूर्व अध्यक्ष विनोद कुमार पंसारी के संचालन में आयोजित उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल के प्राचार्य सह क्लब के महासचिव अमरनाथ साह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन क्लब के कोषाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया ने किया।