-रक्त नमूनों की सटीक व त्रुटिहीन जांच सुनिश्चित कराने में टेक्निशियन की भूमिका महत्वपूर्ण।

-सर्वे के लिये जिले में प्रत्येक प्रखंड के दो सेशन साइट चिह्नित, प्रत्येक साइट पर लिये जायेंगे 300 रक्त नमूने

#MNN@24X7 मधुबनी, 15 जून, लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए एएनएम सभागार परिसर में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा की अध्यक्षता में जिले के सभी प्रखंडों के लैब टेक्नीशियन का ब्लड सर्वे के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने बताया अभियान से पूर्व जिले से दो मास्टर ट्रेनर को राज्य मुख्यालय मे प्रशिक्षण दिया गया है. आज सभी प्रखंडों के लैब टेक्निशियन को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रखंड मे दो स्थान का चयन किया जाएगा जिसमें प्रत्येक प्रखंड में एक फिक्स व दूसरा रैंडम साइट चुनाव किया जाएगा. प्रत्येक साइट से 300 स्लाइड (रक्त पट्ट संग्रह) कुल 600 सैंपल लिया जाएगा. सैंपल रात्रि 8:30 बजे से 12बजे रात्रि के बीच सैंपल लिया जाएगा। इसी के आधार पर अभियान के लिए ब्लॉक का चुनाव किया जाएगा. संक्रमण दर 1% से अधिक पाए जाने पर संबंधित प्रखंड में सर्जन दवा वितरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। ये सभी कार्य 30 जून तक खत्म करना है. कार्यक्रम को लेकर बुधवार को शहर में बड़ी बाजार में 52 लोगों का रक्त पट्ट संग्रह किया गया।

डॉ.झा ने बताया फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में जून माह में ही नाइट ब्लड सर्वे का कार्य संपन्न कराया जाना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे लेकर सभी जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। नाइट ब्लड सर्वे के लिये प्रशिक्षित लैब टेक्निशियन की मदद से 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के रक्त नमूनों की जांच की जायेगी। ताकि संबंधित इलाके में संभावित फाइलेरिया मरीजों का पता लगाया जा सके।

सटीक व त्रुटीहीन जांच में निहित है सर्वे की सफलता –

जिलास्तरीय प्रशिक्षण में लैब टेक्निशियन को सर्वे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इस क्रम में उन्हें लोगों का रक्त सैंपल लेने से लेकर इसके माइक्रोस्कोपिक जांच से जुड़ी बारीकियों से अवगत कराया गया। डॉ झा ने बताया कि जांच के लिये संग्रहित रक्त नमूनों की सटीक व त्रुटिहीन जांच सुनिश्चित कराने में लैब टेक्निशियन की भूमिका महत्वपूर्ण है। सर्वे की सफलता जांच की गुणवत्ता में निहित है। इसलिये इस बार जांच नतीजों का क्रास वेरिफिकेशन भी किया जाना है। जहां माइक्रो फाइलेरिया संक्रमण की दर 01 फीसदी से अधिक पाया जायेगा, वहां अगस्त माह में एमडीए यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का संचालन किया जायेगा।

सर्वे के लिये प्रत्येक साइट पर लिये जायेंगे 300 सैंपल –

डब्लू एच ओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार झा ने बताया नाइट ब्लड सर्वे के लिये चिह्नित प्रत्येक साइट पर जांच के लिये 300 लोगों के ब्लड सैंपल संग्रह किये जायेंगे। नाइट ब्लड सर्वे लोगों के शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी का पता लगाने का सबसे आसान जरिया है। फाइलेरिया के परजीवी रात के समय लोगों के शरीर में ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिये रात्रिकालिन जांच को प्राथमिकता दी जाती है। सर्वे के लिये साढ़े आठ बजे से 12 बजे रात तक लोगों को ब्लड सैंपल लिया जायेगा। इसके लिये विभागीय स्तर से संबंधित अधिकारी व कर्मियों पर अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी गयी है। सामूहिक प्रयास से सर्वे की सफलता सुनिश्चित कराना विभागी की प्राथमिकताओं में शुमार है।

मौके पर जिला वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन, केयर डीपीओ धीरज सिंह, एलटी सत्येंद्र कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे।