#MNN@24X7 दरभंगा, दिनांक 21 जून को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में रा.से.यो कोषांग की ओर से अमृत-महोत्सव के उपलक्ष्य में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम मनाया गया। यह कार्यक्रम तीन सत्रों में आयोजित हुआ। प्रथम सत्र में योग जागरुकता रैली को अध्यक्ष छात्रकल्यान डॉ शिवलोचन झा तथा कार्यक्रम संयोजक डा. सुधीर कुमार झा ने हरि झंडी दिखाया,जिसमें विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों, शिक्षकों,कर्मचारियों विद्यार्थियों स्वयंसेवकों आदि ने सहभागिता किए।

रैली को बाघघरमोड मोड से का.सि.द.सं.वि.वि से होकर चौरंगी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, वहां से पुनः प्रत्यावर्तन दरबार हाल तक हुआ। रैली में प्रो. दयानाथ झा, प्रो.दिलीप कुमार झा, डॉ.पवन कुमार झा, डॉ.उमेश झा, डॉ.शंभू शरण तिवारी, डॉ.त्रिलोक झा पचाढ़ी, डॉ. कृष्णानन्द मिश्र, डॉ.भगलू झा, पवन सहनी, सुश्री उपासना कुमारी, डॉ.शशिभूषण गुप्ता, शशशिरंजन एवं स्नातकोत्तर विभाग, शिक्षाशास्त्र एव के छात्रों के साथ बढ-चढ कर भाग लिया।

साथ ही म.अ. रामेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय एवं बाबा साहेब राम संस्कृत महाविद्यालय, पचाढ़ी के प्रधानाचार्य एवं कार्यक्रम- पदाधिकारियों ने अपने यहां के छात्रों के साथ भाग लिए।

द्वितीय सत्र में योगाभ्यास का कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें योग-प्रशिक्षकों- डॉ.महेन्द्रलाल दास, उपासना कुमारी, डॉ. शशिभूषण गुप्ता, शशिरंजन तथा कुमारीश्रुति सिंह के मार्गदर्शन में अनेक योगासन, ध्यान, प्राणायाम, ताडासन, वज्रासन, वृक्षासन शवासन इत्यादि कराया गया।

इस योगासन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.शशिनाथ झा, कुलसचिव डॉ.दीनानाथ साह, अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. शिवलोचन झा, कुलानुशासक प्रो.श्रीपति त्रिपाठी, प्रो.सुरेश्वर झा, वित्त पदाधिकारी डॉ. जयकिशोर चौधरी, सी सी डी सी डॉ.दिनेश झा, विधि पदाधिकारी डॉ.कृष्णानन्द मिश्र, स्नातकोत्तर के विभागाध्यक्षों प्रो.विनय कुमार मिश्र, प्रो.दयानाथ झा, प्रो.दिलीप झा, डॉ.कुणाल कुमार झा, डॉ.शंभूशरण तिवारी डॉ त्रिलोक झा, डॉ.उमेश झा, डॉ. साधना शर्मा कर्मचारीयों डा.रवीन्द्रकुमार मिश्र,विजय कुमार झा आदि, स्नातकोत्तर विभाग एवं शिक्षा शास्त्र के छात्रों ने भाग लिया।

तृतीय सत्र संगोष्ठी का था। संगोष्ठी का विषय था-वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग की उपादेयता। संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति प्रो.शशिनाथ झा ने की, संयोजन डा.सुधीर कुमार झा द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ स्नातकोत्तर वेद विभागाध्यक्ष- प्रो.विनय कुमार मिश्र द्वारा मंगलाचरण से किया गया।दीप प्रज्वालनपूर्वक भगवती सरस्वती चित्र पर माल्यार्पणोपरान्त शिक्षा शास्त्र विभाग की छात्राओं लक्ष्मी, नीतु,राधा, संगम इत्यादियों द्वारा कुलगीत और स्वागतगीत प्रस्तुत किया गया। उसके पश्चात् सभाध्यक्ष प्रोफेसर शशि नाथ झा, मुख्यातिथि प्रोफेसर डाॅली सिन्हा, प्रतिकुलपति,ल.ना.मि.वि.वि., विशिष्टातिथि प्रोफेसर सुरेश्वर झा, कुलसचिव डा.दीनानाथ शाह, वित्त पदाधिकारी डा जयकिशोर चौधरी, योगप्रशिक्षकों डा.महेन्द्र लाल दास, सुश्री उपासना कुमारी, डा.शशि भूषण गुप्ता, श्री शशिरंजन, कुमारी श्रुति सिंह इत्यादियों का सम्मान किया गया। मंच संचालन – डा. यदुवीर स्वरूप शास्त्री द्वारा किया गया।

अध्यक्ष छात्र कल्याण डा. शिवलोचन झा द्वारा स्वागत किया गया|

स्नातकोत्तर-प्रभारी प्रो.सुरेश्वर झा जी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि योग हर युग में हर क्षण हमारे जीवन से जुडा़ है। योग हम हर क्षण करते हैं किन्तु यदि उस योग को हम विधानपुर्वक करेंगे तो फलदायि होगा। उनके द्वारा कहा गया कि योग का सम्बन्ध सभी धर्मों से है। इसका विस्तार होना चाहिये। वर्तमान समय में भी योग को वैश्विकस्तर पर स्वास्थ्यादि एवं विश्व को परिवार के रूप में जोड़ने के लिए योग आवश्यक है।

मुख्यातिथि – ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रो. डाॅली सिन्हा ने सभी को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकमानाएं देते हुए आज के दिन का वैशिष्ट्य बताया, आज माननीय प्रधानमन्त्री UNO में हमारे देश का नेतृत्त्व कर रहे हैं। 21 जून सबसे बड़ा दिन होता है। योग हमें सबके कल्याण के लिये सोचने के लिए प्रेरित करता है। योग अत्यन्त बृहत् है। कर्म, ज्ञान,भक्ति योग इसीके अंग हैं। कुछ वर्ष पूर्व राष्ट्रीय विपत्ति कोरोना के समय चिकित्सकों द्वारा औषधि के साथ योग का भी परामर्श देते थे।

कुलानुशासक- जीवन शैली है। योग की सही परिभाषा गीता में प्राप्त होती है- योगः कर्मसु कौशलम्म् का प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों को निभाए तो समाज में सभी को उनका अधिकार भी प्राप्त होगा। सामंजस्य भी बना रहेगा।

अध्यक्षीय वक्तव्य में कुलपति ने कहा कि जीवन में अभ्युन्नति के लिए योग को आत्मसात् करना आवश्यक है। चित्तवृत्ति निरोध को योग कहा गया है। अवसाद से मुक्ति योग से ही संभव है। राष्ट्र की उन्नति के लिए एवं विश्व को परिवार बनाने के लिए योग की उपादेयता वसुधैव कुटुम्बकम् के समान है।

धन्यवाद ज्ञापन रा.से.यो. कार्यक्रम- समन्वयक, डा. सुधीर कुमार झा द्वारा किया गया।

राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की गयी। कार्यक्रम में डाॅ.जयकिशोर चौधरी, सीसीडीसी डाॅ.दिनेश झा, स्नातकोत्तर प्रभारी- प्रो.सुरेश्वर झा, डाॅ.कृष्णानन्द मिश्र, स्नातकोत्तर सभी विभागाध्यक्ष वेद-प्रो.विनय मिश्र,प्रो.दयानाथ झा, प्रो.दिलीप झा, डा.कुणाल झा, डा.शंभू शरण तिवारी डाॅ त्रिलोक झा, डा.उमेश झा, डा.साधना शर्मा इत्यादि कर्मचारी डा.रवीन्द्र कुमार मिश्र, अभिमन्यु, श्रीधर, विजय कुमार झा इत्यादि, स्नातकोत्तर विभाग एवम् शिक्षा शास्त्र के छात्र उपस्थित थे।