#MNN@24X7 दरभंगा, लाइब्रेरी का एक लंबा इतिहास मौजूद है और समयानुकूल इसमें बदलाव भी हुआ है।वर्तमान दौर तकनीक का है और अधिकांश क्षेत्रों का डिजिटिलीकरण हो रहा है।जिसमें पुस्तकालय भी शामिल है।डिजिटिलीकरण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और इसके उपयोग से पुस्तकालय का दायरा विस्तृत हो जाएगा।ये बातें दूरस्थ शिक्षा के लाइब्रेरियन डॉ संतोष कुमार झा ने पुस्तकालय में डिजिटलीकरण की आवश्यकता विषयक सेमिनार में कही।
लनामिवि के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान संस्थान और डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि डिजिटिलीकरण समय की जरुरत बन चुकी हैं।तकनीकी की दक्षता बढ़ने से पुस्तकालय की उपयोगिता भी बढ़ गई है।पुस्तकों के डिजिटल स्वरूप से कई समस्याओं का अंत हो जाता है।इससे ना सिर्फ समय और स्थान का बचत होता है बल्कि पुस्तकें अनंत काल के लिए सुरक्षित हो जाती हैं।संबोधन के दौरान डॉ संतोष कुमार झा ने विस्तार से डिजिटिलीकरण के टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो, वीडियो आदि स्वरूप के बारे में बताया।
जबकि सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो दमन कुमार झा ने कहा कि यह तकनीक का जमाना है जो तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।इसके अनुरूप लाइब्रेरी की व्यवस्था को बनाना जरूरी है।इससे दुर्लभ पुस्तकें सुरक्षित हो जाएगी।साथ ही इसके जरिए घर बैठे विद्यार्थी पढ़ाई कर सकते है।
प्रो दमन कुमार झा ने डिजिटलीकरण के विविध पहलू पर विस्तार से व्याख्यान दिया।इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए श्री गोपाल कृष्ण झा ने बताया कि आधुनिक समय में डिजिटिलीकरण आवश्यक है।इसके जरिए घर बैठे अध्ययन किया जा सकता है।
वहीं श्री रंजीत कुमार महतो ने बताया कि अब पुस्तकों को संरक्षित रखने का उपाय उसका डिजिटिलीकरण है।कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत पुष्प पौधा प्रदान कर विभाग के छात्रों ने किया।जबकि कार्यक्रम का आरंभ मेघा कुमारी के स्वागत गान से हुआ।
अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।धन्यवाद ज्ञापन श्री गंगा राम प्रसाद ने किया और संचालन छात्र चंदन कुमार ने किया।मौके पर शम्भू कुमार दास, प्रीति श्रीवास्तव, अमित कुमार, आनंद अक्स,स्मिता कुमारी,मोनिका कुमारी, अर्चना, राहुल कुमार, रोहित कुमार आदि मौजूद थे।