#MNN@24X7 दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह के द्वारा उर्दू एवं मैथिली के विद्वान एवं भाषाविद् प्रोफेसर एम जे वारसी, विभागाध्यक्ष, भाषा विज्ञान, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की उर्दू से मैथिली में अनुवादित पुस्तक ‘दखमा’ का विमोचन कुलपति कार्यालय में किया गया।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने लेखक प्रोफेसर वारसी का परिचय कराते हुए कहा कि प्रोफेसर वारसी दरभंगा जिला के कुशेश्वरस्थान प्रखंड के अंतर्गत बररा गांव के मूल निवासी हैं। ये 15 वर्षों तक अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में भाषाविद् के रूप में कार्य करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। प्रोफेसर वारसी उर्दू के साथ- साथ मैथिली व अंग्रेजी में भी लेखन कार्य करते रहे हैं। इनकी पुस्तक “दखमा” उर्दू के कहानीकार बेग एहसास का कहानीसंग्रह है, जिसपर साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था। प्रो वारसी ने उसका अनुवाद मैथिली भाषा में किया है।

कुलपति प्रोफेसर सिंह ने विमोचन के बाद कहा कि किसी भी भाषा की समृद्धि के लिए अनुवाद कार्य एक नया मार्ग प्रशस्त करता है। यह पुस्तक मैथिली भाषियों के लिए एक नई लेखन की दुनिया से अवगत कराएगा। उन्होंने इस साहित्यिक लेखन कार्य के लिए उन्हें साधुवाद दिया।

मिथिला- संस्कृति की परंपरा अनुसार लेखक का पाग व चादर से सम्मान किया गया। इस अवसर पर डा मो ज्या हैदर व हसन वारिस आदि उपस्थित थे।

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