महिलाओं में उद्यमिता विकास की असीम संभावना :डॉ दिव्यांशु।
#MNN@24X7 जाले, कृषि विज्ञान केंद्र जाले में महिला कृषि उद्यमियों के लिए आयोजित 21 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण का समापन प्रशिक्षणार्थियों के धन्यवाद के साथ हुआ।
ज्ञात हो कि कृषि विज्ञान केंद्र में जीविका सिंजेंटा फाउंडेशन इंडिया एवं बिल मिरांडा फाउंडेशन के सहयोग से ग्रामीण महिलाओं में उद्यमिता विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 21 दिवसीय निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण का संचालन किया जा रहा है प्रशिक्षण के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर ने बताया की महिलाओं में उद्यमिता विकास की असीम संभावना है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जीविका का एक अभिनव प्रयास है जिसके माध्यम से जीविका दीदियों को उद्यमी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का उपयोग करते हुए अपने आसपास मौजूद संसाधनों के बल पर आंकलित जोखिम लेते हुए नए विचार के साथ अपने स्वरोजगार को प्रारंभ करने का अनुरोध किया जिससे वह अपनी आमदनी के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों के लिए रोजगार के मौका उपलब्ध करा सके । महिलाएं ग्रामीण और घर पर ही कई कृषि आधारित लघु उद्योगों की स्थापना कर सकते हैं और अच्छी आय की प्राप्ति कर सकते हैं उन्होंने इस प्रशिक्षण के लिए जीविका डीपीएम, समेत जीविका परिवार के सभी अधिकारियों को आभार व्यक्त किया जिन के सहयोग से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र में संचालित किया जा सका।
इस प्रशिक्षण की सह संयोजिका गृह वैज्ञानिक पूजा कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के कुल 35 प्रतिभागियों में दरभंगा जिले के 11 मधुबनी के 14 मधेपुरा के 04 एवं पूर्वी चंपारण जिले के 06 जीविका दीदियों ने भाग लिया।
इस प्रशिक्षण के सिंजेंटा फाऊंडेशन इंडिया के प्रशिक्षक विकास कुमार एवं प्रवीण कुमार ने बताया कि उन लोगों ने प्रशिक्षणार्थियों को कृषि उद्यमी का परिचय, मृदा जांच, पलवार, टपक सिंचाई, बैंकिंग, डिजिटल कृषि एप, मधुमक्खी पालन, मशरूम खेती, बकरी पालन, मछली पालन, नर्सरी प्रबंधन, खाद की पहचान, जैविक खेती, केंचुआ खाद, धान गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, मक्का की आधुनिक खेती, बीज उत्पादन तकनीक, सब्जी उत्पादन की आधुनिक तकनीक, किसान ट्रेडिंग, प्रिंटिंग संचार कौशल इत्यादि विषयों पर विशेष बल दिया गया है।प्रशिक्षण के समापन सत्र में कृषि विज्ञान केंद्र के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मी मौजूद थे।