#MNN@24X7 ग्रेटर नोएडा, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के चमक दमक वाले शहर ग्रेटर नोएडा के हिमसागर हाउसिंग सोसाइटी ने ड्रेस कोड लागू किया है।सोसाइटी में रहने वालों पर यह ड्रेस कोड पार्क में टहलते समय लागू होगा। सोसाइटी की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है,जिसमें लिखा गया है कि सोसाइटी के प्रांगण में विचरण करते समय कपड़े पहनने का ख्याल रखें। दूसरे लोगों को असहज महसूस न हो और कोई आपके ऊपर सवाल खड़े न करे। नोटिस में आगे लिखा गया है कि बड़ों के पहनावे से ही छोटे बच्चे सीख लेते हैं।
जानें पूरा मामला।
यह ड्रेस कोड ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पी-4 की सहकारी आवास समिति ने लागू किया है।इसे हिमसागर अपार्टमेंट भी कहते हैं। हिमसागर अपार्टमेंट के सचिव हरिप्रकाश की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि सभी निवासी यहां के सदस्य हैं। आप सभी से अपेक्षा की जाती है कि जब कभी सोसाइटी में विचरण करें तो अपने आचरण और पहनावे पर विशेष ध्यान रखें। अपने व्यवहार से किसी को आपत्ति जताने का मौका न दें। आपके बालक और बालिका भी आपसे सीखते हैं। अतः सभी से अनुरोध है कि लुंगी और नाइटी घर का पहनावा है।इन्हें घर से बाहर नहीं पहनना चाहिए। लिहाजा लुंगी और नाइटी पहनकर सोसाइटी में विचरण नहीं करें।
दो खेमों में बंटे सोसाइटी के लोग।
सोसाइटी परिसर में RWA का यह नोटिस चस्पा होने के बाद कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है।सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप्स में भी लोग दो खेमों में बंट गए हैं। दूसरी ओर यह नोटिस सोशल मीडिया पर भी आ गया है। लोग तरह-तरह से अपना पक्ष रख रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सोसाइटी ने सही फैसला लिया है। घर के भीतर पहने जाने वाले कपड़ों को सार्वजनिक जगहों पर पहनकर नहीं आना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि यह व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। उसकी अपनी आजादी है इसलिए इस पर पाबंदी लगाने का अधिकार हाउसिंग सोसाइटी को नहीं है। यह कहीं नहीं लिखा हुआ है कि लुंगी या नाइटी पहनकर सार्वजनिक स्थानों पर जाना गलत है।
10 जून को जारी हुआ था नोटिस।
सोसाइटी के अध्यक्ष सीके कालरा ने कहा कि हमें सोसाइटी के कुछ लोगों के द्वारा शिकायत मिली थी, जिसमें उन लोगों ने कहा था कि कुछ लोग पार्क में ऐसे कपड़े पहन कर घूमते हैं, जिससे हम असहज महसूस करते हैं। सोसाइटी के लोगों की शिकायत के बाद ही हमने यह नोटिस 10 जून को जारी किया था। हमने किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया है और ना ही किसी तरह के पहनावे पर रोक लगाई है। हमने सिर्फ लोगों से यह आग्रह किया है कि इस तरह के कपड़े पहनकर पार्क में न घूमे कि जिससे दूसरे लोग असहज महसूस करें। आज हमने एक और नोटिस जारी किया है, जिसमें हमने साफ-साफ लिखा है कि किसी को भी उसके लिए बाध्य नहीं किया गया है और ना ही किसी के ऊपर थोपा गया है। किसी की भावना को आहत करने का कोई उद्देश नहीं था।
(सौ स्वराज सवेरा)