#MNN@24X7 दरभंगा 13 मार्च अल्पसंख्यक अधिकार मंच के देशव्यापी आवाहन पर दरभंगा जिला अल्पसंख्यक अधिकार मंच की ओर से अल्पसंख्यकों के मांगों को लेकर समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन आयोजित की गई। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि सारण जिले के जोगिया गांव में मॉब लिंचिंग में मारे गए नसीब कुरेशी के नामजद सभी अभियुक्तों को अविलंब गिरफ्तार करने मृतक के परिवार को ₹2000000 मुआवजा देने होली के दिन बेगूसराय के दो अल्पसंख्यक लड़कियों के साथ किए गए सामूहिक बलात्कार के अभियुक्तों पर कार्रवाई करने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने।
अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतन्त्रता पर कुठाराघात करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाय।
सरकारी काम काज में उर्दू भाषा के इस्तेमाल की आजादी सुनिश्चित की जाय।इसके लिये हर विभाग में उर्दू जानकारों की बहाली की जाय।
हर सरकारी स्कूल में उर्दू के खाली पडे़ स्थानों पर उर्दू
शिक्षकों की अविलम्ब बहाली हो।
अल्पसंख्यकों के नाम पर सरकार द्वारा निर्धारित फण्ड का बंदरबांट पर रोक लगाई जाए।
आतंकवादी के नाम पर गिरफ्तार किये गये मुस्लिम युवकों का स्पीडी ट्रायल चलाकर मुकदमा एक साल के अंदर समाप्त किया जाय।
कोर्ट द्वारा निर्दोष करार दिये गये युवकों की जीविका , मुआवजा तथा पुनर्वास की जिम्मेदारी उन ऐजेंसियों या व्यक्ति को दिया जाय जिसने उक्त युवक को आतंकवादी करार दिया है।
वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति से अवैध कब्जा हटाई जाय।साथ ही वक्फ आमदनी का कम से कम आधा हिस्सा गरीब
अल्पसंख्यकों के बच्चों की तालीम पर खर्च किया जाय।
सच्चर कमिटी एंव रंगनाथ मिश्र आयोग के सिफारिशों के आलोक में आरक्षण की व्यवस्था किया जाय।
मदरसों में आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की जाय।
राज्य एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों की भर्ती में मुसलमानों को प्रयाप्त प्रतिनिधित्व दिया जाय।
एम ए एन एफ पुनः चालू किया जाए
धरना स्थल पर अल्पसंख्यक अधिकार मंच के नेता स्योब राजा शबन की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जब से मोदी सरकार केन्द्र की सत्ता पर काबिज हुई है तब से अकलियतों पर चौतरफा हमले तेज हो गये हैं।शैक्षणिक, राजनैतिक ,आर्थिक और सामाजिक यानी हर स्तर पर इनको कुचलने की साजिश रची जा रही है। सच्चर कमिटी और रंगनाथन मिश्र आयोग की सिफारिशों को ठंढे़ बस्ते में सड़ने को फेंक दिया गया है।हाल के केन्द्रीय बजट में अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिये निर्धारित राशि में 38% की कटौती कर इनके विकास की राहें बन्द करने की एक तरह से घोषणा ही कर दिया गया है।जंगे आजादी में अपना सब कुछ कुर्बान कर देने वाले इस जमात को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने पर वर्तमान भाजपा-आर एस एस की सरकार तुली हुई है।ऐसी परिस्थिति में संघर्ष के सिवा अन्य कोई भी रास्ता नहीं है।अपने वजूद की हिफाजत , अपने बच्चों के मुस्तक्बिल के लिये और केन्द्र सरकार के कुचक्र के विरुद् शोषित पीड़ित अवाम के साथ एक जुटता एवं चट्टानी एकता कायम कर सरकार के अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने का आवाहन किया।
सभा को मो0 शहाबुदीन उर्फ मो0 इसाखा लड्डू जी मो0 ओवेश मो0 गुलाब मो0 सुल्तान छात्र नेता मो0 रजी मो0 गुलजार मो0 शोएब रजा मो0 सहाजद मो0 ज़ाकिर सबनम खातून तबस्सुम नुजहत परवीन कनीज सकीना मुमताज बेगम शोषण मुक्ति मंच के राज्य महासचिव श्याम भारतीखेतिहर मजदूर यूनियन के जिला संयोजक दिलीप भगत नौजवान नेता गोपाल ठाकुर किसान सभा के जिला सचिव राम सागर पासवान नरेंद्र मंडल शिवनंदन यादवआदि ने की एकजुटता जाहिर करते हुए अल्पसंख्यक पर बढ़ते हमले पर रोक लगाने की मांग की।