आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका को सरकारी सेवक घोषित करो।
#MNN@24X7 दरभंगा। बिहार राज्य आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका संघ (सी.आई.टी.यु) से सम्बद्ध के राज्य कमेटी के आवाहन पर 9 सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु दरभंगा जिला आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका संघ द्वारा जिला पदाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री बिहार सरकार को संबोधित मांग संलेख सौंपा गया।
यह प्रदर्शन पोलो फील्ड से आरंभ होकर आयुक्त कार्यालय, व्यवहार न्यायालय,समाहरणालय, टावर चौक होते हुए लोहिया चौक से वापस आकर समाहरणालय के मुख्य द्वार पर श्रीमती देवता देवी की अध्यक्षता में रैली किया गया।
रैली को संबोधित करते हुए बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका संघ के राज्य उपाध्यक्ष साथी शमशाद बेगम ने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार आंगनवाड़ी सेविका/ सहायिका को दूसरे दर्जे का नागरिक समझती है।
हमारा वाजीव मांग को पूरा नहीं किया जाता है, केन्द्र सरकार द्वारा महंगाई आसमान छूने के बावजूद भी मानदेय में 10 वर्षों से कोई वृद्धि नहीं किया जा रहा है।
माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी न्याय निदेश में आंगनबाड़ी सेविका/ सहायिका को सेवानिवृत्त होने पर ग्रेच्युटी (उपादान) देने को कहा परंतु इस आदेश को भी अमलीजामा नहीं दिया जा रहा है।
श्रम सम्मेलनों के निर्णय अनुसार न्यूनतम मानदेय 26 हजार रुपये नहीं किया जा रहा है, हमें संघर्ष के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
हमारी मांग है कि आंगनवाड़ी सेविका/सहायिकाओं को सरकारी सेवा का दर्जा दिया जाए, सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन का प्रावधान किया जाए। नई तकनीकी से लैस नया मोबाइल फोन की आपूर्ति की जाए।
सेविका/सहायिका को सेवा अवधि में मृत्यु होने पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का प्रावधान किया जाए। आईसीडीएस को निजीकरण पर रोक लगाई जाए, पोषण ट्रैक एप्प को डिजिटल किया जाए तथा चयनमुक्ति पर रोक लगाई जाए।
इस अवसर पर दरभंगा जिला को कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ट्रेड यूनियन एंड सर्विस एसोसिएशन के जिला संयोजक फूल कुमार झा ने कहा कि संघर्ष के माध्यम से ही आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका ने कुछ हक प्राप्त किया है।हमें आगे भी संघर्ष कर अपनी मांगों को प्राप्त कर सकते हैं। आप लोगों का राष्ट्रीय संगठन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनवाड़ी वरकर्स एंड हेल्पर एक सशक्त एवं जुझारू संगठन है। उसके निर्णय को कार्यान्वित कर ही केंद्र सरकार के श्रमिक विरोधी नीति को परास्त किया जा सकता हैं।
इस अवसर पर श्रीमती रीता कुमारी, ममता देवी, देवा प्रवीण, मोसरत परवीन, सीता कुमारी, सीता देवी, सरिता कुमारी, आरती कुमारी, रेखा कुमारी, हजारा खातून, मूसीमा खातून ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगों की पूर्ति नहीं किया जाएगा तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।