पीजी 2020-22 के छात्र-छात्राओं को फॉर्म भरने का दिया जाय मौका – आइसा।
दरभंगा 2 फरवरी। ललित नारायण मिथिला विवि द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा की तिथि जारी किया गया है। जिसमे बड़े पैमाने पर गरबरी हुई है।आज इसको लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के जिला सचिव मयंक कुमार यादव, व जिला अध्यक्ष प्रिंस राज के द्वारा कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि पीएचडी में नामाकन के लिए PAT-2021-22 का परीक्षा का आयोजन कर रही है। वर्ष 2021 का पैट परीक्षा 2 साल बाद 2023 में लिया जा रहा है और 2022 के पीएचडी का फॉर्म 2023 में भरा रहा है जबकि उक्त सत्र के पीजी के छात्र का भी तृतीय सेमेस्टर का परीक्षा ही समाप्त हुआ है। जबकि पीजी सत्र 2020-22 के परीक्षा समाप्त होने के बाद ही PAT-2022 के परीक्षा का आयोजन किया जाना था।
साथ ही साथ विश्वविद्यालय द्वारा निकाले गए PAT परीक्षा के विज्ञापन में आरक्षण अनुसार सीट के बारे में कोई चर्चा नही है। बिहार के सभी विश्वविद्यालय में बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम से चलता है। बिहार के अन्य विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए निकाले गए टेस्ट परीक्षा में आरक्षण नियम को लागू किया गया है, लेकिन मिथिला विश्वविद्यालय में इस नियम को लागू नही किया गया है। जिससे साफ-साफ यह लग रहा है कि विश्वविद्यालय में आरक्षण समाप्त करने की कोशिश हो रही है।
विश्वविद्यालय में यूजीसी रेगुलेशन 2016 अनुसार प्रथम पत्र ऑब्जेक्टिव एवं द्वितीय पत्र सब्जेक्टिव लिये जाने के नियम 4.3.5 अनुसार ही परीक्षा लिये जाने के प्रावधान उल्लंघन किया जा रहा है, यूजीसी के रेगुलेशन अनुसार छात्रहित में परीक्षा लिए जाने की मांग की है।
आइसा नेताओ ने कहा कि कई साल बाद पीएचडी में फॉर्म निकला है लेकिन गृह विज्ञान विभाग में कोई शीट की जानकारी नही दी गई है।
आइसा नेताओ ने विवि प्रशासन से मांग किया है कि विवि को नियम कानून के आधार पर चलाया जाए, तथा पीजी 2020-2022 के छात्रो को पीएचडी प्रवेश परीक्षा में फॉर्म भरने का मौका दिया जाय। और आरक्षण के आधार पर शीट की रिक्ति निकला जाय।
आइसा नेताओ ने इस ज्ञापन की एक प्रति कुलाधिपति महोदय को भी भेजा है।