#MNN@24X7 दरभंगा। मैथिली साहित्य की सुप्रसिद्ध लेखिका व लोक गायिका जयंती देवी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माँ हीराबेन के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने शनिवार को शोक जताया।

साहित्यिक एवं सामाजिक जगत की दोनों महान हस्तियों को संस्थान की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मिथिला के सुप्रतिष्ठित विद्वान आचार्य रमानाथ झा की पुत्रवधू जयंती देवी ने बिना स्कूली शिक्षा ग्रहण किए अपने ससुर के सान्निध्य में मैथिली साहित्य की जो अनुपम सेवा की, वह सदैव सराहनीय व अनुकरणीय बना रहेगा। अपने शोक संदेश में उन्होंने प्रधानमंत्री की माता हीराबेन को सौ वर्षों के संघर्षपूर्ण जीवन व भारतीय आदर्शों की प्रतीक बताया।

मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने जयंती देवी के साहित्य सृजन एवं लोकगीत गायन को मिथिला के सांस्कृतिक जगत के लिए मील का पत्थर बताते हुए हीराबेन के संघर्षपूर्ण सात्विक जीवन को प्रेरणादायी बताया। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि दोनों मातृशक्ति के निधन ने साहित्यिक एवं सामाजिक जगत में एक ऐसी शून्यता उत्पन्न कर दी है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में असंभव दिखता है।

प्रो जीवकांत मिश्र ने कहा कि मैथिली लेखिका व लोक गायिका जयंती देवी और देश के प्रधानमंत्री की माता हीराबेन के खोने का दु:ख निस्संदेह कष्टकारी है। मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने जीवन पर्यन्त मातृभाषा मैथिली की सेवा में लीन रहने वाली जयंती देवी और पीएम मोदी की माँ हीराबेन को गौरवान्वित करने वाली मातृशक्ति बताते कहा कि इन दोनों के जीवन का हर पहलू प्रेरक व आदर्शवादी था।

शोक जताने वाले अन्य लोगों में डा महेंद्र नारायण राम, प्रो विजय कांत झा, डा महानंद ठाकुर, हीरा कुमार झा, संतोष कुमार झा, आशीष चौधरी, नवल किशोर झा, मनीष झा रघु, डा उषा चौधरी, डा सुषमा झा, स्वर्णिम किरण, चंदन सिंह, पुरुषोत्तम वत्स आदि शामिल थे।