#MNN@24X7 दरभंगा बिहार की स्थापना के 111वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को अपने गौरवशाली अतीत और वर्तमान की उपलब्धियों के बारे में आत्ममंथन करने की जरूरत है। इस बात की समीक्षा की जानी निहायत जरूरी है कि हमारे बिहार का अतीत क्या था, वर्तमान कैसा है और इन दोनों के बलबूते बेहतर बिहार का निर्माण कैसे किया जा सकता है। यह बात पूर्व विधान पार्षद सह सीएम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने बुधवार को महाविद्यालय की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में आयोजित बिहार दिवस समारोह में कही।
उन्होंने बिहार को विकसित बनाने में कारगर सरकारी योजनाओं की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जब तक बिहार का प्रत्येक नागरिक इन योजनाओं के समुचित कार्यान्वयन के प्रति जागरूक नहीं होंगे, इन योजनाओं को मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विकास के प्रति सरकार की सोच को धरातल पर तभी उतारा जा सकता है, जब हम उसके समुचित क्रियान्वयन के प्रति कृतसंकल्प होंगे। अपने संबोधन में उन्होंने जल संकट के दुष्परिणामों की चर्चा करते हुए विश्व जल दिवस के अवसर पर जल की बर्बादी नहीं करने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डा सत्येंद्र कुमार झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में बर्सर डा उमेश कुमार दास, जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डा आरती कुमारी,गणित विभागाध्यक्ष डा अभय सिंह एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राधेश्याम झा ने अपने विचार रखते हुए बिहार के गौरवशाली इतिहास एवं उपलब्धि पूर्ण वर्तमान पर विस्तार से चर्चा की। इससे पहले प्रधानाचार्य ने मंचासीन शिक्षकों के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं छात्र-छात्राओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।